सवाई माधोपुर, 07 जुलाई 2025: राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में ICT प्रोजेक्ट के तहत कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशकों और स्कूल कोऑर्डिनेटरों का पिछले 5 से 10 वर्षों से जारी शोषण समाप्त करने की मांग को लेकर अखिल राजस्थान राज्य ठेका एजेंसी संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने सोमवार को सवाई माधोपुर में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। महासंघ ने प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लगे इन कार्मिकों की सूचना जल्द से जल्द भिजवाने की मांग की है, ताकि उन्हें बजट घोषणा के अनुरूप राजकीय संस्थाओं में समायोजित किया जा सके।
महासंघ के पदाधिकारियों, जिनमें रामकिशोर मीणा, अमित कुमार सैनी, गणेश जी और धीरज जी जैसे आईसीटी कंप्यूटर अनुदेशक शामिल थे, ने बताया कि 19 फरवरी 2025 को घोषित बजट घोषणा के बिंदु संख्या 97 के अनुसार, एजेंसी और ठेका कार्मिकों को कार्मिक विभाग के अधीन राजकीय संस्था के माध्यम से समायोजित करने की घोषणा की गई थी।
पदाधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में कार्मिक विभाग, जयपुर शासन सचिवालय, जयपुर की ओर से विभिन्न विभागों, राजकीय प्रमुखों और राजकीय संस्थानों में कार्यरत प्लेसमेंट एजेंसी व ठेका कर्मियों की सूचना निर्धारित प्रपत्र में विभाग की ईमेल आईडी पर मंगवाई जा रही है। हालांकि, राजस्थान के राजकीय विद्यालयों की ओर से कार्मिक विभाग के आदेश की पालना अभी तक नहीं की गई है, जिससे इन कर्मचारियों के समायोजन में देरी हो रही है।
महासंघ ने बताया कि राजस्थान के राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा ICT प्रोजेक्ट के तहत वर्तमान में लगभग 1400 राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही है। इसमें लगभग 1400 प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से लगे कर्मचारी शामिल हैं, जिनका कंपनियों द्वारा लगातार शोषण किया जा रहा है। ये कर्मचारी मात्र 4700 रुपये से 5000 रुपये के बहुत ही कम वेतन में कंप्यूटर शिक्षा दे रहे हैं, जो इस महंगाई के दौर में बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है।
ज्ञापन में जिला कलेक्टर से आग्रह किया गया कि वे संबंधित अधिकारियों को तत्काल निर्देशित करें कि ICT प्रोजेक्ट के तहत कार्यरत कंप्यूटर अनुदेशक और स्कूल कोऑर्डिनेटर कार्मिकों की सूचना अविलंब भेजी जाए, ताकि वे सरकार की समायोजन योजना का लाभ उठा सकें और उनके वर्षों से चले आ रहे आर्थिक शोषण पर रोक लग सके।
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