कोटा। रेलवे मंडल में 'छोटे मंडल मुखिया' के पद पर तैनात एक अधिकारी के कारनामों को लेकर विभाग के भीतर और कर्मचारियों के बीच खासी चर्चा है। आरोप है कि सरकारी बंगला होने के बावजूद इस अधिकारी ने अपने लिए रेस्ट हाउस में एक कमरा स्थायी रूप से बुक करा रखा है।
जानकारी के अनुसार, छोटे मंडल मुखिया का परिवार (पत्नी और बच्चे) शहर में रहते हैं, क्योंकि बच्चे यहाँ कोचिंग करते हैं। इसी वजह से अधिकारी ने अपनी सरकारी गाड़ी परिवार के उपयोग के लिए दे रखी है। इस गाड़ी को चलाने के लिए तीन सरकारी ड्राइवर भी ड्यूटी पर लगाए गए हैं।
बताया जा रहा है कि जब अधिकारी को खुद कहीं जाना होता है तो वे या तो किसी दूसरे अधिकारी की गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं या फिर कंट्रोल की गाड़ी मँगवाते हैं। इसके अलावा, अधिकारी की सेवा के लिए दो स्थायी कर्मचारी भी लगाए गए हैं, जो रेस्ट हाउस और बंगले दोनों जगह पर सेवाएँ देते नजर आते हैं।
यह भी सामने आया है कि इस पद पर पहले रहे एक अधिकारी ने भी इसी तरह का काम किया था। आरोप है कि उन्होंने संस्था के लिए खरीदा गया एक नया सोफा अपने घर में रख लिया और बदले में अपने घर का टूटा हुआ सोफा गंगापुर भेजवा दिया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब मंडल मुखिया ने निरीक्षण के दौरान नाराजगी जताई, जिसके बाद एक कर्मचारी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेनी पड़ी थी।
इन 'छोटे मंडल मुखियाओं' के ऐसे कारनामे अक्सर अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच चर्चा का विषय बने रहते हैं।
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