रेलवे ने जोधपुर और जयपुर के बीच 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से रेलवे लाइन का दोहरीकरण और विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। इसके बावजूद, यात्रियों को समय बचाने का लाभ नहीं मिल पा रहा है। रेलवे की 1 जनवरी से लागू होने वाली नई समय सारिणी में इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों का सफर और लंबा हो गया है।
नई समय सारिणी के अनुसार, मरुधर एक्सप्रेस अब जोधपुर और जयपुर के बीच यात्रा के लिए 1 घंटे अधिक समय लेगी। पहले जहां यह ट्रेन शाम 5:30 बजे जोधपुर पहुंचती थी, अब यह 6:25 बजे पहुंचेगी। इसी तरह, शालीमार एक्सप्रेस जो पहले 5 घंटे में दूरी तय करती थी, अब 5 घंटे 55 मिनट लेगी।
इस रूट पर हावड़ा सुपरफास्ट और रणथंभौर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें पहले की तरह 4 घंटे 40 मिनट और 4 घंटे 45 मिनट में दूरी तय करेंगी। रेलवे की नई व्यवस्था में यात्रियों को एक मिनट की भी बचत नहीं हुई।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण का कहना है कि 60 से 70 ट्रेनों की गति बढ़ाई गई है। साथ ही, यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशनों पर पानी की आपूर्ति जैसे सुधार किए गए हैं, जिसके कारण कुछ ट्रेनों के समय में बदलाव हुआ है।
जोधपुर और जयपुर के बीच सड़क संपर्क में सुधार होने से रेलवे की तुलना सड़क परिवहन से की जा रही है। हालांकि, रेलवे ने दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बावजूद समय बचाने के बजाय सफर की अवधि बढ़ा दी है।
यात्रियों का कहना है कि दोहरीकरण और विद्युतीकरण के बाद ट्रेनों की गति में सुधार की उम्मीद थी। लेकिन नई समय सारिणी ने यात्रियों को निराश किया है। अब देखना होगा कि रेलवे यात्रियों की इस चिंता का समाधान कब करता है।
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