राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 की अंतरिम मेरिट लिस्ट में नाम होने के बावजूद अभ्यर्थियों को नियुक्ति से वंचित करने के मामले में चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक सहित अन्य अधिकारियों से जवाब मांगा है। जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश मोहम्मद आमिर खान व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि चिकित्सा विभाग ने 5 मई, 2023 को नर्सिंग ऑफिसर के 6981 पदों पर भर्ती निकाली थी। इसमें शैक्षणिक योग्यता और बोनस अंकों के आधार पर नियुक्ति देने का प्रावधान था। याचिकाकर्ताओं ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन किया, दस्तावेज़ सत्यापन भी पूरा हुआ, और उनका नाम अंतरिम मेरिट लिस्ट में भी शामिल किया गया।
अधिवक्ता ने बताया कि याचिकाकर्ताओं का नाम अंतिम वरीयता सूची में बिना किसी कारण शामिल नहीं किया गया, जबकि उनके पास संबंधित सीएमएचओ द्वारा सत्यापित समान काम करने का वैध अनुभव प्रमाण पत्र था, जो उन्हें बोनस अंक पाने का अधिकारी बनाता है। इसके बावजूद, बिना किसी ठोस वजह के उन्हें नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया।
याचिका में अदालत से आग्रह किया गया कि याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में पुनः शामिल कर उनकी नियुक्ति सुनिश्चित की जाए।
एकलपीठ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चिकित्सा विभाग के सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और अन्य संबंधित अधिकारियों से इस मामले में जवाब तलब किया है। अदालत ने अधिकारियों से यह स्पष्ट करने को कहा है कि किस आधार पर याचिकाकर्ताओं को अंतिम वरीयता सूची से बाहर रखा गया।
इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख जल्द ही निर्धारित की जाएगी। अदालत के इस आदेश ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के सवाल को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है।
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