भूमि आवंटन और आपदा प्रबंधन पर जिला कलेक्टर ने दिए त्वरित निस्तारण के निर्देश

भूमि आवंटन और आपदा प्रबंधन पर जिला कलेक्टर ने दिए त्वरित निस्तारण के निर्देश

सवाईमाधोपुर : जिला कलेक्टर कानाराम की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र के वीसी कक्ष में राजकीय कार्यालयों हेतु भूमि आवंटन के लंबित प्रकरणों और आपदा प्रबंधन (एसडीआरएफ) की एक महत्वपूर्ण वर्चुअल समीक्षा बैठक आयोजित हुई।

भूमि आवंटन पर सख्ती

जिला कलेक्टर ने भूमि आवंटन से संबंधित विभागवार समीक्षा की और लंबित 36 प्रकरणों के प्रस्ताव आगामी तीन दिवस में भिजवाने के निर्देश संबंधित तहसीलदारों को दिए। उन्होंने सभी विभागों को बकाया लंबित आवंटनों की सूची शीघ्र जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय को उपलब्ध करवाने को भी कहा। कलेक्टर ने राजकीय कार्यालयों हेतु शीघ्रता से भूमि आवंटन प्रक्रिया पूर्ण करने, बजट घोषणाओं की समयबद्ध पालना सुनिश्चित करने और अतिक्रमण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके लिए विभागीय अधिकारियों को सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए। साथ ही, राजस्व विभाग और अन्य विभागों के आपसी समन्वय से आवंटित भूमि पर हुए अतिक्रमण को पुलिस जाप्ते की मांग कर मुक्त कराने के निर्देश भी दिए गए।

बैठक में राइजिंग राजस्थान योजना के अंतर्गत किए गए एमओयू के लंबित प्रकरणों के संबंध में लैंड बैंक की जानकारी तत्काल उपलब्ध करवाने और एमओयू धारकों को आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को प्रदान किए गए।

आपदा राहत को लेकर सख्त निर्देश

जिला कलेक्टर ने मानसून सत्र 2025 के दौरान अतिवृष्टि एवं संभावित बाढ़ से हुए नुकसान की त्वरित रिपोर्टिंग के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त एसडीएम और तहसीलदारों को आपदा प्रबंधन विभाग, जयपुर द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि एक दिन में 90 मिमी या दो दिन में 100 मिमी से अधिक वर्षा से मकान क्षति या जनहानि होती है, तो तत्काल निर्धारित प्रपत्र में प्रस्ताव भिजवाए जाएं। एसडीआरएफ के तहत आपदा से क्षतिग्रस्त भवनों की सूचना ब्लॉक स्तरीय समिति से सत्यापन के बाद उपखंड अधिकारी के माध्यम से जिला कार्यालय को भेजने के निर्देश भी दिए गए।

जनहानि और पशुहानि के मामलों में मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता हेतु प्रस्ताव त्वरित रूप से भिजवाने के निर्देश दिए गए, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर सहायता मिल सके।

ई-गिरदावरी और जर्जर भवनों पर फोकस

जिला कलेक्टर ने ई-गिरदावरी के तहत फसल खराबे का आकलन शीघ्र पूर्ण कर मुआवजा प्रस्ताव निर्धारित प्रपत्र में राज्य सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए। जिन क्षेत्रों में अतिवृष्टि से प्रभावित गांव अधिक हैं, वहां निकटवर्ती पटवारियों की नियुक्ति और प्रगतिशील किसानों के माध्यम से ऑनलाइन गिरदावरी का कार्य मिशन मोड पर पूरा करने पर बल दिया गया।

जर्जर भवनों के संबंध में, विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों और चिकित्सालय भवनों की विभागवार सर्वे रिपोर्ट शुक्रवार तक भिजवाने के निर्देश देते हुए कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि जर्जर भवनों का किसी भी स्थिति में उपयोग नहीं किया जाए। ऐसे भवनों के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मरम्मत योग्य भवनों के प्रस्ताव शीघ्र भिजवाए जाएं और मरम्मत के बाद भी असुरक्षित पाए जाने वाले भवनों को नियमानुसार भूमिदोज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर संजय शर्मा, सीईओ जिला परिषद गौरव बुडानिया, अतिरिक्त सीईओ शैलेंद्र सिंह, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी हरि सिंह मीणा, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग बी.एल. मीणा, सीएमएचओ डॉ. अनिल कुमार जैमिनी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कृष्णा शर्मा, एडीपीसी समसा दिनेश गुप्ता, उप निदेशक आईसीडीएस प्रियंका शर्मा सहित वीसी के माध्यम से सभी उपखंड अधिकारी एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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