करौली, 2 जनवरी: जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने खुले बोरवेलों, ट्यूबवेलों और कुओं से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं में कई बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं, इसलिए इस समस्या पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है।
क्या हैं नए निर्देश?
- पंजीकरण अनिवार्य: बोरवेल या ट्यूबवेल का निर्माण शुरू करने से पहले भूमि मालिक को संबंधित अधिकारियों को लिखित सूचना देनी होगी। इस सूचना को राजधारा पोर्टल पर भी अपलोड करना होगा।
- ड्रिलिंग एजेंसियों का पंजीकरण: सभी ड्रिलिंग एजेंसियों को राजधारा पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराना होगा और उनके द्वारा किए गए सभी बोरवेल की जानकारी पोर्टल पर अपडेट करनी होगी।
- निर्माण के दौरान सुरक्षा उपाय: बोरवेल के निर्माण के दौरान कांटेदार तार की बाड़ लगाना या कोई अवरोधक दीवार का निर्माण करना अनिवार्य होगा।
- सुरक्षा ढक्कन: बोरवेल पर स्टील की एक मजबूत ढक्कन लगाई जाएगी।
- मरम्मत के दौरान सावधानी: मोटरपंप मरम्मत के दौरान बोरवेल को खुला नहीं छोड़ा जाएगा।
- अकार्यशील बोरवेल: सभी अकार्यशील बोरवेल को बंद किया जाएगा और इसकी जानकारी राजधारा पोर्टल पर अपडेट की जाएगी।
- निगरानी समिति: जिला स्तर पर एक निगरानी समिति का गठन किया गया है जो इन निर्देशों का पालन सुनिश्चित करेगी।
उल्लंघन पर कार्रवाई:
यदि कोई व्यक्ति या एजेंसी इन निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें एनओसी रद्द करना, बोरवेल को सील करना, जुर्माना लगाना और एफआईआर दर्ज करना शामिल है।
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
खुले बोरवेल बच्चों के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं। इनमें गिरकर कई बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं। जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कदम इन दुर्घटनाओं को रोकने में काफी मददगार साबित होंगे।
आप क्या कर सकते हैं?
- अपने आसपास के क्षेत्र में खुले बोरवेल की जानकारी प्रशासन को दें।
- अपने बच्चों को खुले बोरवेलों से दूर रखें।
- अपने समुदाय में खुले बोरवेलों को सुरक्षित बनाने के लिए जागरूकता फैलाएं।