एक ही व्यक्ति के 8 अंगों का दान, प्रदेश में पहली बार लंग्स और हार्ट का सफल प्रत्यारोपण

एक ही व्यक्ति के 8 अंगों का दान, प्रदेश में पहली बार लंग्स और हार्ट का सफल प्रत्यारोपण

अंगदान और प्रत्यारोपण में नया मुकाम, राजस्थान में पहली बार एयरलिफ्ट कर प्रत्यारोपण

Rajasthan: मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की पहल और चिकित्सा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के मार्गदर्शन में राजस्थान ने अंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। प्रदेश में पहली बार एयर एंबुलेंस के माध्यम से अंगों को एयरलिफ्ट कर जयपुर और जोधपुर के अस्पतालों में प्रत्यारोपण किया गया। साथ ही, यह पहली बार है जब एक ही ब्रेन डेड व्यक्ति के 8 अंगों का प्रत्यारोपण किया गया।

अंगदान की मिसाल बना विष्णु प्रसाद का परिवार
झालावाड़ निवासी 33 वर्षीय विष्णु प्रसाद को 11 दिसंबर, 2024 को गंभीर चोट लगने के कारण झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। विष्णु के परिवार ने समाज सेवा की भावना से प्रेरित होकर उनके 8 अंगों (दोनों किडनियां, लिवर, हार्ट, लंग्स और दोनों कॉर्निया) को दान करने का निर्णय लिया।

एयरलिफ्ट प्रक्रिया और प्रत्यारोपण
विष्णु के अंगों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से झालावाड़ से जयपुर के एसएमएस अस्पताल और जोधपुर के एम्स अस्पताल ले जाया गया।

  • जयपुर (एसएमएस अस्पताल): एक किडनी, हार्ट और लंग्स का सफल प्रत्यारोपण किया गया।
  • जोधपुर (एम्स अस्पताल): एक किडनी और लिवर का प्रत्यारोपण हुआ।

प्रदेश में यह पहला मौका था जब लंग्स और हार्ट का एक ही मरीज में प्रत्यारोपण किया गया।

विशेष योगदान
इस उपलब्धि को सफल बनाने में चिकित्सा शिक्षा विभाग, एसएमएस अस्पताल, एम्स जोधपुर, और कई चिकित्सा विशेषज्ञों की अहम भूमिका रही।

  • झालावाड़ मेडिकल कॉलेज: नोडल अधिकारी डॉ. रामसेवक ने परिवार को अंगदान के लिए प्रेरित किया।
  • एसएमएस अस्पताल: डॉ. मनीष अग्रवाल, डॉ. राजकुमार यादव, और उनकी टीम ने जयपुर में प्रत्यारोपण प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया।
  • एम्स जोधपुर: डॉ. शिवचरण नवारिया और उनकी टीम ने प्रत्यारोपण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

संगठनों और समन्वय का योगदान
अंगदान प्रक्रिया स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (सोटो) राजस्थान के समन्वय से पूरी हुई। इसमें सोटो के डॉ. मृणाल, डॉ. अजीत, और डॉ. धर्मेश का योगदान रहा। नोटो (नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने भी इस प्रक्रिया में सहयोग दिया।

राज्य सरकार का प्रोत्साहन
चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री अम्बरीष कुमार ने बताया कि सरकार अब जागरूकता अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने इसे चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा कदम बताया।

नया कीर्तिमान
यह सफलता राजस्थान को अंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है। यह न केवल तकनीकी प्रगति को दर्शाता है, बल्कि मानवता और समाज सेवा की मिसाल भी पेश करता है।

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