भरतपुर: वैर क्षेत्र के नावर गांव में किसानों ने एक बैठक आयोजित कर इआरसीपी (इंदिरा गांधी नहर परियोजना) और पीकेसी (पश्चिमी कालीनदी परियोजना) के पहले चरण में ही भरतपुर की सूखी पड़ी नदियों को जोड़ने की मांग उठाई है। किसानों का मानना है कि बिना पानी के स्थायी समाधान के खेती बर्बाद हो रही है।
किसानों की प्रमुख मांगे:
किसानों का संघर्ष:
किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो वे पानी और रोजगार के लिए संघर्ष करेंगे।
पूर्व सांसद का बयान:
भरतपुर के पूर्व सांसद और पानी आंदोलन के अगुआ पंडित रामकिशन ने कहा कि देश में चुनाव सुधारों की जरूरत है और अधिक धन बल खर्च करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को आयकर का दायरा बढ़ाकर उनसे मिलने वाले कर की धनराशी को मौसम परिवर्तनों से खेती पर पड़ने वाले विपरित प्रभावों के शोधकार्यों पर खर्च करना चाहिए।
अन्य उपस्थित लोग:
सभा में त्रिलोकी नाथ शर्मा, घनश्याम गाजीपुर, सोहन सिंह गाजीपुर, श्रीचन्द गुर्जर, बल्ली राम गुर्जर, जगदीश सिंह सरपंच, रामस्वरूप सैनी, सुमेर गुर्जर, निरंजन सिंह, भूरिया जाटब, प्रेम सिंह, रमेश जाटब आदि शामिल रहे।
यह समाचार क्यों महत्वपूर्ण है?
यह समाचार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसानों की पानी की समस्या और सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालता है। किसानों की मांगे जायज हैं और सरकार को इन पर गौर करते हुए उचित कदम उठाने चाहिए।
#भरतपुर #किसान #इआरसीपी #पीकेसी #सिंचाई #पानी #आंदोलन
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.