कोटा: कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (Sr. Divisional Operations Manager) द्वारा जारी एक नए आदेश ने रनिंग स्टाफ (Running Staff), खासकर गार्डों और लोको पायलटों में भारी रोष पैदा कर दिया है। कर्मचारी इस आदेश को 'तुगलकी फरमान' बता रहे हैं और आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।
वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक ने आदेश जारी कर कहा है कि:
रुठियाई, मोतीपुरा और सालपुरा आने वाले गार्ड और लोको पायलटों को वापस गुना भेजा जाए, उन्हें कोटा नहीं लाना है।
6 घंटे से कम ड्यूटी वाले गार्ड और लोको पायलटों को दाढ़देवी, मोड़क और भौंरा के रास्ते थ्रू (Through) भेजा जाए।
रनिंग स्टाफ का कहना है कि यह नया आदेश उन्हें और अधिक तनाव देने की कोशिश है। लोको पायलट पहले ही कई कारणों से तनाव में काम कर रहे हैं, जिनमें शामिल हैं:
12 से 14 घंटे की लंबी ड्यूटी।
375 किलोमीटर तक (सागर तक) वर्किंग करना।
72 घंटे में वापस हेड क्वार्टर लौटने का दबाव।
समय पर प्रमोशन, छुट्टी और रेस्ट (विश्राम) न मिलना।
रनिंग स्टाफ का मानना है कि नए आदेश से उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
रनिंग स्टाफ ने एकजुट होकर चेतावनी दी है कि यदि रेलवे प्रशासन ने समय रहते इस नए आदेश पर पुनर्विचार नहीं किया, तो वे आंदोलन की रणनीति पर विचार कर सकते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि काम के अत्यधिक दबाव और तनाव के बीच यह नया आदेश कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ने वाला है।
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