जयपुर – राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 9 जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया है। इस फैसले के बाद राज्य में कुल जिलों की संख्या घटकर 41 हो गई है। वहीं, गहलोत सरकार के समय बनाए गए 17 जिलों में से 8 जिलों को यथावत रखा गया है।
कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि इतने कम समय में 17 नए जिलों और तीन नए संभागों का गठन व्यावहारिक नहीं था। उन्होंने बताया कि राजस्थान 1956 में बना और 67 साल में केवल 7 नए जिलों का गठन हुआ था, लेकिन गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी समय में एक सप्ताह के भीतर 17 नए जिले और 3 संभाग बना दिए, जो जनसंख्या और क्षेत्रफल के आधार पर तर्कसंगत नहीं थे।
भजनलाल सरकार ने जिलों की समीक्षा के लिए बनाई गई कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया है। इस फैसले के साथ ही गहलोत सरकार के समय बनाए गए तीन नए संभाग – बांसवाड़ा, सीकर, और पाली को भी खत्म कर दिया गया है। अब राजस्थान में कुल 7 संभाग और 41 जिले ही रहेंगे।
कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि गहलोत सरकार ने आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले नए जिलों का गठन किया था, जो व्यवहारिक नहीं थे। भाजपा ने गहलोत सरकार के इस फैसले पर पहले ही सवाल खड़े किए थे। चुनाव में जीत हासिल करने के बाद भजनलाल सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ललित के. पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में जिलों के गठन को अव्यावहारिक करार दिया।
कैबिनेट बैठक में सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। सरकार इस पर आगे विचार करेगी।
भजनलाल सरकार का यह बड़ा फैसला राज्य में प्रशासनिक ढांचे को मजबूत और व्यवहारिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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