जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में मुकदमों के निस्तारण में हो रही देरी पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने अधिकरण के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को तलब किया है।
जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश मोहम्मद काशिफ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने चेयरमैन को निर्देश दिया है कि वे 17 फरवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हों, जबकि रजिस्ट्रार को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के लिए कहा गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नवीन धुंआ ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 15 जनवरी को याचिकाकर्ता का तबादला किया था, जिसे चुनौती देते हुए उसने 27 जनवरी को राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में अपील दायर की। लेकिन, 20 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक अपील की सुनवाई शुरू नहीं हुई।
अन्य अधिवक्ताओं ने भी अधिकरण की धीमी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने अदालत को बताया कि अधिकरण में सुनवाई सुबह 11 बजे से आरंभ होती है, लेकिन भोजनावकाश के बाद कोई कार्रवाई नहीं होती। इस वजह से मुकदमों के निपटारे में अत्यधिक देरी हो रही है और वहां मामलों का अंबार लग गया है।
इस पर अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यप्रणाली के चलते ही मुकदमों का निपटारा समय पर नहीं हो पा रहा है। इसीलिए, अदालत ने अधिकरण के चेयरमैन और रजिस्ट्रार को तलब करने का निर्णय लिया।
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