बूंदी। बरड़ क्षेत्र में लीज धारकों द्वारा सिवायचक (सरकारी गैर-कृषि) भूमि पर अवैध खनन की होड़ मची हुई है। लीज क्षेत्र के साथ सिवायचक भूमि का सीमांकन नहीं होने के कारण खनन माफिया खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों और जिला कलक्टर द्वारा अधिकारियों की बैठक में लगाम कसने के आदेशों के बावजूद, अवैध खनन बदस्तूर जारी है। हैरानी की बात यह है कि राजस्व विभाग के अधिकारी भी इस स्थिति से अवगत हैं, लेकिन सीमांकन के अभाव का हवाला देकर कार्रवाई से बच रहे हैं।
राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लीज आवंटन के बाद भी सीमांकन न होने से खनन क्षेत्रों की स्पष्ट पहचान नहीं हो पाती है। इस अस्पष्टता का फायदा उठाकर खननकर्ता सिवायचक भूमि पर भी धड़ल्ले से खनन कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, बरड़ क्षेत्र में कुल 639 खनन लीज आवंटित हैं, जिनमें से कई कारणों से अधिकांश बंद पड़ी हैं। हालांकि, कुछ स्थानों पर लीज क्षेत्र से कहीं अधिक मात्रा में खनन किया जा रहा है। राजस्व विभाग को इसकी जानकारी होने के बावजूद सीमांकन न होने के कारण कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पा रही है, जिसके चलते अवैध खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
इन दिनों डाबी माळ, डसालिया और ऐरू नदी के पास स्थित गुढ़ा क्षेत्र अवैध खननकर्ताओं के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, यहां खननकर्ताओं ने सिवायचक यानी गेप एरिया में भारी मात्रा में खनन कर रखा है। चूंकि यह गेप एरिया लीज क्षेत्र में नहीं आता है, इसलिए खनिज विभाग इस पर ध्यान नहीं देता है। वहीं, राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त नाप-जोख न किए जाने के कारण अवैध खनन निर्बाध रूप से जारी है। आश्चर्य की बात तो यह है कि गेप एरिया में पहले जुर्माना लगने के बावजूद खननकर्ता उसी स्थान पर दोबारा अवैध खनन कर रहे हैं।
बिना पर्यावरण स्वीकृति के चल रही मशीनें
बरड़ क्षेत्र के डसालिया में बिना पर्यावरण स्वीकृति (ईसी) के भी खनन कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसकी शिकायत मंत्री सहित उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचाई गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
लीज की आड़ में चल रहा बड़ा खेल
पुलिस की कार्रवाई में यह बात सामने आई है कि लीज धारक खननकर्ता लीज क्षेत्र के आसपास स्थित राजस्व और सिवायचक भूमियों को अपना निशाना बना रहे हैं। अवैध खननकर्ताओं पर पुलिस कार्रवाई के बावजूद राजस्व विभाग की ओर से कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है।
डाबी के नायब तहसीलदार अनिल धाकड़ ने बताया कि सरकार का आदेश आने पर ही सिवायचक भूमि का नाप किया जाता है। उन्होंने माना कि कई बार खननकर्ता लीज क्षेत्र के साथ सिवायचक भूमि पर भी खनन कर लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खनिज विभाग द्वारा लीज क्षेत्र का सीमांकन सार्वजनिक नहीं किया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि एक सूचना पर लीज धारक का नाम, संबंधित खसरा नंबर, अधिकारी का फोन नंबर और अवधि अंकित की जानी चाहिए, जिससे मौके पर लीज क्षेत्र की पहचान हो सके और अवैध खनन पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सके।
वहीं, डाबी के थानाधिकारी हेमराज शर्मा ने कहा कि डाबी थाना क्षेत्र में कहीं भी अवैध खनन और परिवहन हो रहा हो तो पुलिस को सूचना दें। पुष्टि होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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