सवाईमाधोपुर। रणथंभौर अभयारण्य में बाघ के हमलों से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को रणथंभौर दुर्ग स्थित जैन मंदिर के पुजारी राधेश्याम माली (60) की टाइगर अटैक से मौत हो गई। माली पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से इस मंदिर में चौकीदारी का कार्य करते थे और रात से ही लापता थे। वन विभाग को उनके क्षत-विक्षत हालत में शव को बरामद किया है, जिसे जिला मोर्चरी में रखवा दिया गया है।
वन अधिकारियों ने बताया कि सुबह रणथंभौर दुर्ग से एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद तुरंत सर्च ऑपरेशन चलाया गया। रणथंभौर बाघ परियोजना के सीसीएफ अनूप के आर के निर्देशन में वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने ड्रोन कैमरे की सहायता से तलाश शुरू की। इस दौरान टीम को जैन मंदिर के पास खून से सने हुए कपड़े मिले, जिसने टाइगर अटैक की आशंका को पुख्ता कर दिया।
पिछले दो महीने में तीसरी घटना: यह रणथंभौर में पिछले दो महीने में टाइगर के हमले से हुई तीसरी मौत है। इससे पहले, 16 अप्रैल को एक बाघिन के हमले में सात वर्षीय बालक की जान चली गई थी, और 11 मई को रेंजर देवेंद्र चौधरी भी बाघ के हमले का शिकार हो गए थे।
दुर्ग में लगातार टाइगर मूवमेंट, मरम्मत की कमी: रणथंभौर दुर्ग में लगातार बाघों की आवाजाही बनी हुई है। कई बार बाघिन रिद्धि को अपने शावकों के साथ दुर्ग के भीतर देखा गया है। बताया जा रहा है कि रणथंभौर दुर्ग की क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत नहीं होने के कारण बाघों का दुर्ग में प्रवेश होता रहता है, जिससे यह क्षेत्र असुरक्षित होता जा रहा है।
टाइगर अटैक की सूचना के बाद ग्रामीणों का प्रदर्शन: शेरपुर-खिलचीपुर निवासी राधेश्याम माली पर टाइगर अटैक की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों और परिजनों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने गणेश धाम पर इकट्ठा होकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है और गणेश धाम गेट को बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि सुबह की सफारी से वापस लौटने वाले वाहनों को भी बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। मौके पर वन विभाग के कार्मिक और पुलिस जाब्ता मौजूद है, जो स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।
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