मानसून की पहली बारिश में ही खुली 'अमृत भारत' स्टेशनों के विकास कार्यों की पोल, करोड़ों के काम बारिश की भेंट चढ़े

मानसून की पहली बारिश में ही खुली 'अमृत भारत' स्टेशनों के विकास कार्यों की पोल, करोड़ों के काम बारिश की भेंट चढ़े

कोटा। कोटा मंडल में 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत करोड़ों रुपये खर्च कर किए गए विकास कार्यों की पोल मानसून की शुरुआती दो दिनों की बारिश में ही खुल गई है। अभी तो पूरा मानसून बाकी है, ऐसे में बारिश का सीजन समाप्त होने पर इन स्टेशनों की बदहाली का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। यात्रियों की सुविधाओं के नाम पर खर्च किए गए ये करोड़ों रुपये अब उन्हीं के लिए मुसीबत बन गए हैं, जिससे यात्री भी सवाल करने लगे हैं कि "करोड़ों रुपये खर्च करके ऐसी सुविधा?"

गुरुवार और शुक्रवार को हुई बारिश में बूंदी रेलखंड स्थित मांडलगढ़ स्टेशन की हालत सबसे ज्यादा खराब बताई जा रही है। इन स्टेशनों पर दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधा देने का लगातार दावा करने वाला प्रशासन बारिश में दिव्यांगों तक की सुविधा का ध्यान नहीं रख सका। मांडलगढ़ में बना दिव्यांगजनों का पाथ-वे बारिश के पानी में डूबा नज़र आया।

इसके अलावा, वीआईपी और जनरल वेटिंग हॉल तथा टिकट विंडो में बारिश का पानी लगातार टपकता रहा। दीवारों के सहारे भी यह पानी मोटी धार के रूप में नीचे बहता दिखा, जिससे पूरी दीवारें गीली हो गईं। इससे पहले भी मांडलगढ़ स्टेशन पर टाइलें उखड़ने का मामला सामने आया था।

उल्लेखनीय है कि मांडलगढ़ स्टेशन के विकास कार्यों पर 4 करोड़ 74 लाख रुपये खर्च किए गए हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मई को ही इस स्टेशन का लोकार्पण किया था।


बारां में गिरी फॉल सीलिंग, जिम्मेदार कोई नहीं

गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को मानसून की पहली ही बारिश में बारां रेलवे स्टेशन की फॉल सीलिंग गिरने का मामला सामने आया था। प्रवेश द्वार के ठीक सामने हुई इस घटना में गनीमत रही कि कोई यात्री चपेट में नहीं आया। लेकिन जिस तरह से अमृत भारत स्टेशनों के काम हुए हैं, यह यात्रियों के लिए हमेशा खतरे की घंटी बनी रहेगी।

इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि इतने मामले सामने आने के बाद भी प्रशासन को अब तक किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत महसूस नहीं हुई है। संभवतः ऐसा होना भी नहीं चाहिए, क्योंकि इससे पहले के कई मामलों में भी यही देखने को मिला है। शायद इसका कारण 'पूरे कुएं में भांग घुलना' है, जहाँ जवाबदेही तय करना मुश्किल हो रहा है।


#अमृतभारतयोजना #रेलवेविकास #बारिशमेंखुलीपोल #कोटा #मांडलगढ़ #बारांस्टेशन #घटियाकाम #यात्रीसुरक्षा #रेलवेलापरवाही #करोड़ोंकाकाम

G News Portal G News Portal
227 0

0 Comments

No comments yet. Be the first to comment!

Leave a comment

Please Login to comment.

© G News Portal. All Rights Reserved.