रेल अधिकारियों का असंवेदनशील रवैया, दिव्यांग कर्मचारी को कहा 'लूले-लंगड़ों' की जरूरत नहीं

रेल अधिकारियों का असंवेदनशील रवैया, दिव्यांग कर्मचारी को कहा 'लूले-लंगड़ों' की जरूरत नहीं

कोटा: एक तरफ रेल प्रशासन दिव्यांगों को सुविधाएं देने के दावे कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ अधिकारी दिव्यांग कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील रवैया अपना रहे हैं। ताजा मामला कोटा के आरक्षण कार्यालय पार्किंग स्टैंड का है, जहां एक दिव्यांग कर्मचारी के साथ अधिकारियों ने अपमानजनक व्यवहार किया।

घटनाक्रम:

  • आरक्षण कार्यालय पार्किंग स्टैंड पर एक दिव्यांग कर्मचारी काम करता है।
  • निरीक्षण के लिए पहुंचे कुछ रेल अधिकारियों ने दिव्यांग कर्मचारी को देखकर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
  • एक अधिकारी ने कहा, "यहां लूले-लंगड़ों की जरूरत नहीं है।"
  • साथ में मौजूद किसी भी अधिकारी ने इसका विरोध नहीं किया।

शिकायत और प्रतिक्रिया:

  • अपमानित महसूस कर रहे दिव्यांग कर्मचारी ने रेल प्रशासन से ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है।
  • शिकायत में अधिकारियों के नामों का भी उल्लेख किया गया है।
  • देर रात तक प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई की सूचना नहीं मिली है।

डीआरएम के दावे और वास्तविकता:

  • एक दिन पहले ही डीआरयूसीसी की बैठक में डीआरएम अनिल कालरा ने दिव्यांगों को दी जाने वाली सुविधाओं का उल्लेख किया था।
  • इस घटना से स्पष्ट है कि जमीनी स्तर पर अधिकारियों का रवैया दिव्यांगों के प्रति असंवेदनशील है।

यह घटना रेल प्रशासन के दावों और वास्तविकता के बीच के अंतर को उजागर करती है।

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