कोटा। कोटा रेलवे अस्पताल में पहले बैच के 17 मेडिकल ग्रेजुएट स्टूडेंट्स की इंटर्नशिप सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। मंगलवार को आयोजित एक समारोह में मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) अनिल कालरा ने इन सभी स्टूडेंट्स को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स इंटर्नशिप कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्रदान किए।
इस अवसर पर डीआरएम अनिल कालरा ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि एमबीबीएस करना केवल पहला पायदान है, अभी तो मंजिल बहुत दूर है। उन्होंने जोर दिया कि एक चिकित्सक की सार्थकता तभी सिद्ध होती है जब मरीज डॉक्टर के व्यवहार, दवा और इलाज से पूरी तरह संतुष्ट हो जाए। कालरा ने चिकित्सा पेशे को एक 'नोबल प्रोफेशन' बताते हुए कहा कि जब तक मेडिकल स्टूडेंट्स में अपने कार्य के प्रति जुनून और सेवा भाव नहीं होगा, तब तक वे एक अच्छे चिकित्सक नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि मरीज की सेवा में आनंद लेने वाला ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकता है, अन्यथा मेडिकल स्टूडेंट्स अपना क्षेत्र बदल भी सकते हैं।
रेलवे अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुपर्णा सेन रॉय ने बताया कि सत्र 2024-25 में मेडिकल ग्रेजुएट्स की इंटर्नशिप का यह पहला बैच था। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 2024-25 के लिए 24 बच्चों का दूसरा बैच भी आ चुका है, जो जल्द ही अपनी इंटर्नशिप शुरू करेगा।
यह पहल रेलवे अस्पताल को मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित कर रही है और भविष्य के चिकित्सकों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान कर रही है।
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