Rail News: ड्यूटी के दौरान शराब पीने वाले रेल कर्मचारियों की पहचान के लिए सोमवार से विशेष अभियान चलाया जाएगा। 15 दिन चलने वाले इस अभियान के तहत जांच के दौरान सामने आए शराबी रेल कर्मियों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। रेलवे बोर्ड द्वारा इसके आदेश जारी किए गए हैं।
इन आदेशों में कहा गया है कि अधिकारी और सुपरवाइजर सभी स्टेशनों पर जाकर पोर्टेबल ब्रेथलाइजर से आकस्मिक जांच कर शराबी कर्मचारियों की पहचान करेंगे। इसके अलावा अधिकारी और सुपरवाइजर अपने अधीन काम करने वाले नियमित या कभी कभार शराब पीने वाले कर्मचारी की भी पहचान करेंगे। इसके बाद इन शराबी कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद इन कर्मचारियों पर विशेष नजर रखी जानी चाहिए।
भेजें नशा मुक्ति केंद्र
इसके बाद कर्मचारियों और उनके परिजनों को शराब के दुष्परिणाम बताए जाने चाहिए।
शराब पीने वाले कर्मचारियों को नशामुक्ति शिविरों में भेजा जाना चाहिए।
इन नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन प्रभागों द्वारा अपने संसाधनों के अनुसार किया जा सकता है अथवा वैकल्पिक रूप से इस उद्देश्य के लिए गैर सरकारी संगठनों की पहचान की जानी चाहिए।
रनिंग स्टाफ की विशेष जांच
बोर्ड ने अपने आदेश में कहा है कि इस अभियान के दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी रनिंग स्टाफ (लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड), ट्रेन पासिंग स्टाफ/ कंट्रोल स्टाफ और मेंटेनेंस स्टाफ को विशेष रूप से कवर किया जाना चाहिए। इस अभियान में मुख्यालय से विभागों के अधिकारियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। पीसीएसओ को ऐसे मामलों का गंभीरता से विश्लेषण करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि नियम के अनुसार शराबी कर्मचारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए। साथ ही इस कार्रवाई की जानकारी 10 फरवरी तक बोर्ड को भेजी जानी चाहिए। हार्ड कॉपी भेजने के अलावा, इस रिपोर्ट को अनिवार्य रूप से SMDMS पर अपलोड किया जाना चाहिए। पीडीएफ और डीओसी दोनों प्रारूप में और इसे edeesafety@gmail.com और safetyimp46@gmail.com पर ईमेल भी किया जा सकता है। यह आदेश रेलवे बोर्ड कार्यकारी निदेशक संरक्षा अशोक कुमार नाकरा द्वारा जारी किए गए हैं।