देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने गुरुवार को विधानसभा में बताया कि तिलस्वा महादेव मंदिर प्रन्यास के विरुद्ध अनियमितता की शिकायतों के संबंध में जांच प्रक्रियाधीन है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि जांच प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि 8 जनवरी 2025 को प्रन्यास के विरुद्ध अनियमितता सम्बंधित शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर राजस्थान लोक न्यास अधिनियम, 1959 की धारा 38 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया। सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर द्वारा इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
20 वर्षों से एक ही अध्यक्ष पदस्थ
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2004 में ट्रस्ट के प्रथम अध्यक्ष की मृत्यु के बाद से पिछले 20 वर्षों तक एक ही व्यक्ति अध्यक्ष पद पर नियुक्त था। वर्ष 2024 में 10 सितम्बर को चुनाव संपन्न होने के बाद ट्रस्ट की नवीन कार्यकारिणी गठित की गई। नवीन कार्यकारिणी के गठन में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त होने पर मामले की जांच सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर के समक्ष प्रक्रियाधीन है।
ऑडिट रिपोर्ट में देरी पर कार्रवाई की संभावना
श्री कुमावत ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2012-13 से 2023-24 तक की ऑडिट रिपोर्ट देवस्थान विभाग में प्रस्तुत की गई है, लेकिन इससे पूर्व की ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई। इस संबंध में स्पष्टीकरण लेते हुए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
नवीन कार्यकारिणी पर विचाराधीन प्रपत्र
देवस्थान मंत्री ने बताया कि नवीन कार्यकारिणी परिवर्तन के संबंध में 10 सितम्बर 2024 को प्रपत्र-8 सहायक आयुक्त, देवस्थान विभाग, अजमेर के समक्ष प्रस्तुत हुआ है, जो वर्तमान में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि जांच के परिणामस्वरूप नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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