करौली। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी में बढ़ते जलस्तर की आशंका को देखते हुए, जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने सोमवार को मंडरायल के संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों का औचक दौरा किया।
निरीक्षण के दौरान, जिला कलेक्टर ने मंडरायल के कैंमकच्छ, टोड़ी और मल्हापुर गांवों का दौरा किया। उन्होंने विशेष रूप से चंबल ब्रिज पर चढ़कर पुल के नीचे बह रही नदी के जलस्तर का जमीनी स्तर पर जायजा लिया।
इस अवसर पर, जिला कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को सक्रिय रहकर प्रभावी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित करते हुए कहा कि यदि जलस्तर बढ़ने से किसी भी आपदा की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सभी विभाग निर्धारित एडवाइजरी के अनुसार पूरी तैयारी रखें। उन्होंने रसद, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, एसडीआरएफ, जिला परिषद सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों को आपदा राहत एवं बचाव से संबंधित सभी आवश्यक संसाधन और उपकरण तैयार रखने के लिए कहा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका तत्काल उपयोग किया जा सके और बचाव राहत अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा सके।
जिला कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि सपोटरा और मंडरायल के संभावित प्रभावित क्षेत्रों के अन्य गांवों की भी लगातार निगरानी सुनिश्चित की जाए। इससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की व्यवस्था समय पर सुनिश्चित की जा सकेगी और किसी भी प्रकार की जनहानि या पशुधन को नुकसान से बचाया जा सकेगा।