कोटा। कोटा-मथुरा रेल खंड पर अब मानवीय भूल से होने वाली रेल दुर्घटनाओं पर लगभग पूरी तरह अंकुश लग गया है। इस खंड पर कवच 4.0 (ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम) स्थापित कर दिया गया है, जिसे देश में रेलवे सुरक्षा प्रणालियों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को इसकी घोषणा की।
यह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन, विकसित और निर्मित सिस्टम है, जिसे जुलाई-2024 में आरडीएसओ (रिसर्च डिज़ाइंस एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइज़ेशन) द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी। जहाँ कई विकसित देशों को ऐसी ट्रेन सुरक्षा प्रणाली को विकसित और स्थापित करने में 20 से 30 वर्ष लग गए, वहीं कोटा-मथुरा रेलखंड पर 'कवच 4.0' को बहुत कम समय में स्थापित किया गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
इस सिस्टम को अगले 6 वर्षों में देशभर के विभिन्न रेल मार्गों पर स्थापित करने की तैयारी है। अब तक 30 हजार से अधिक कर्मचारियों को 'कवच' प्रणाली पर प्रशिक्षित किया जा चुका है।
'कवच' से लोको पायलटों को काफी मदद मिलेगी। ब्रेक प्रभावी ढंग से लगेंगे और कोहरे जैसी कम दृश्यता की स्थिति में उन्हें सिग्नल के लिए बाहर देखने की आवश्यकता नहीं होगी। सारी जानकारी केबिन के अंदर लगे डैशबोर्ड पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगी, जिससे सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होगा।
ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया: 5,856 किमी
दूरसंचार टावर स्थापित: 619
स्टेशनों पर 'कवच' स्थापित: 708
लोको पर 'कवच' स्थापित: 1,107
ट्रैकसाइड उपकरण स्थापित: 4,001 रूट किलोमीटर
यह प्रणाली भारतीय रेलवे को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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