जयपुर, 28 जनवरी: राजस्थान सरकार कोचिंग संस्थानों में छात्रों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठा रही है। राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में कोचिंग सेंटरों के संचालन को नियंत्रित करने वाला एक नया कानून लाने जा रही है।
यह फैसला राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश पर लिया गया है। हाईकोर्ट ने कोचिंग संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार से इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा था।
क्या होंगे कानून में प्रावधान?
नए कानून में कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए न्यूनतम मानक तय किए जाएंगे। साथ ही, छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए भी प्रावधान किए जाएंगे। कानून में यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कोचिंग संस्थान छात्रों पर अत्यधिक दबाव न डालें।
क्यों जरूरी है यह कानून?
राजस्थान, खासकर कोटा में कोचिंग संस्थानों में छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई छात्रों ने पढ़ाई के दबाव और तनाव के कारण अपनी जान दे दी है। इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए यह कानून बहुत जरूरी है।
विधानसभा सत्र में होगा पेश
राज्य सरकार इस कानून को आगामी विधानसभा सत्र में पेश करेगी। विधानसभा सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। सत्र की शुरुआत में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का विधानसभा में पहली बार अभिभाषण होगा।
हाईकोर्ट का फैसला
राजस्थान हाईकोर्ट ने कोचिंग संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या के मामलों पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए।
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