सांसद ने रिटायर रेलकर्मियों की दुबारा नियुक्ति पर उठाए सवाल, रेलमंत्री ने छुपाए आंकड़े

सांसद ने रिटायर रेलकर्मियों की दुबारा नियुक्ति पर उठाए सवाल, रेलमंत्री ने छुपाए आंकड़े

कोटा। संसद के चालू सत्र में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के केरल से राज्यसभा सदस्य एए रहीम ने युवाओं को मौका नहीं देते हुए रिटायर रेलकर्मियों की पुन: नियुक्ति पर सवाल उठाए हैं। साथ ही दुबारा नियुक्त रिटायर कर्मचारियों की संख्या भी पूछी। लेकिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रहीम के इस प्रश्नों का उत्तर देना जरुरी नहीं समझा। इसकी जगह रेल मंत्री ने रेलवे में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों की संख्या गिनाई।

रहीम ने अपने लिखित प्रश्न में पूछा था कि विगत तीन वर्षों में रेलवे में कितने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दुबारा नियुक्त किया गया तथा इसी अवधि में नई नियुक्ति के बाद रिक्त पदों की संख्या कितनी है। इसके अलावा रहीम ने नए युवा अभ्यर्थियों को नियुक्त करने की जगह सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुन: नियुक्ती की आवश्यकता और इसके लिए निर्धारित मानदंड के बारे में भी सवाल उठाए थे।

नहीं दिया जवाब

इसके लिखित जवाब में रेलमंत्री ने कहा कि कभी-कभी आवश्यकता पूर्ति के लिए सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों को योग्यता और अनुभव आदि के आधार पर रिक्तपदों पर अस्थायी रूप से पुन: नियुक्त किया जाता है, ताकि विकासात्मक एवं अन्य कार्यों की सुचारू प्रगति सुनिश्चित हो सके। लेकिन रेल मंत्री ने अपने जवाब में पिछले तीन साल में दुबारा नियुक्त कर्मचारियों की संख्या नहीं बताई और न ही रेलवे में रिक्त पदों की कोई जानकारी दी गई। इसके अलावा रेलमंत्री ने दुबारा नियुक्त होने वाले कर्मचारियों के निर्धारित मानदंड के बारे में भी कुछ नहीं कहा।

महत्त्वपूर्ण पदों पर हैं नियुक्त

उल्लेखनीय है कि रेलवे द्वारा बड़ी संख्या में रिटायर कर्मचारियों को दुबारा भर्ती किया जा रहा है। मामले में खास बात यह है कि इनमें से कई कर्मचारियों को महत्त्वपूर्ण पदों पर भी लगाया जा रहा है। इन पदों पर काम करते इन रिटायर कर्मचारियों को न जार्चशीट देने का अधिकार रहता है और न ही बिल आदि महत्त्वपूर्ण कागजों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों की नियुक्ति पर लगातार प्रश्न उठ रहे हैं। इससे कर्मचारियों में अघोषित असंतोष भी नजर आ रहा है। वर्षों से कर्मचारी या अधिकारी पदोन्नती या दूसरे पदों पर जाने की उम्मीद करते हैं, लेकिन रिटायर होकर कर्मचारी दुबारा उसी पद पर आ जाते हैं। इससे कर्मचारियों का मनोबल प्रभावित हो रहा है।

कोटा में भी सामने आ रहे मामले

कोटा में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला स्टेशन निदेशक पर का सामने आया है। यहां पर करीब डेढ साल पहले स्टेशन निदेशक पद से रिटायर हुए नंद किशोर मीणा को वापस उसी पद पर नियुक्त कर दिया गया। जब कि स्टेशन पर इन दिनों अमृत भारत योजना के तहत महत्त्वपूर्ण काम चल रहा है। ऐसे में यहां पर कभी भी कोई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं।

तीन महिने में ही स्थानांतरण

उल्लेखनीय है कि तीन महिने पहले 4 नवंबर को ही हनुमान प्रसाद मीणा ने यह स्टेशन डायरेक्टर का पद संभाला था। इस फेरबदल के आदेश के समय हनुमान मीणा कुंभ मेले की ड्यूटी पर गए हुए थे। हनुमान का स्थानांतरण भोपाल किया गया है। लेकिन हनुमान फिलहाल इतनी जल्दी यहां से जाना नहीं चाहते थे। इसके चलते ऐसा लग रहा है कि प्रशासन रिटायर कर्मचारियों की दुबारा नियुक्ति पर कुछ ज्यादा ही उत्सुक है।

नहीं दी जानकारी

मैने पिछले तीन साल में दुबारा नियुक्त रिटायर रेल कर्मचारियों की संख्या और अन्य प्रश्न पूछे थे। लेकिन रेल मंत्री ने इसका उत्तर देना जरुरी नहीं समझा। - एए रहीम, राज्य सभा सांसद

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