जयपुर: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस में दर्ज कराई गई FIR को लेकर कांग्रेस हमलावर है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाते हुए इसे राजनीतिक द्वेषता की कार्रवाई बताया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने FIR दर्ज होने के समय पर सवाल उठाते हुए कहा:
"अप्रैल में चार्जशीट दाखिल करने के 6 महीने बाद ED ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज करवाई है क्योंकि भाजपा सरकार को महसूस हो गया है कि ED की चार्जशीट कमजोर है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि नेशनल हेराल्ड केस में ED की ओर दिल्ली पुलिस में दर्ज करवाई गई FIR मोदी सरकार द्वारा एजेंसियों के दुरुपयोग का एक और नायाब उदाहरण है।
गहलोत ने कहा कि गांधी परिवार की पूरे देश-दुनिया में विश्वसनीयता है। उन्होंने आज़ादी की लड़ाई में गांधी परिवार के योगदान को याद करते हुए कहा:
"जिस परिवार ने आजादी की लड़ाई में आनंद भवन, स्वराज भवन दान कर दिए, पंडित नेहरू 10 साल जेलों में रहे, इन्दिरा गांधी और राजीव गांधी ने शहादत दे दी।"
उन्होंने आरोप लगाया कि उस परिवार की लोकप्रियता से भाजपा और RSS में हमेशा डर रहा है, इसलिए ऐसी द्वेषपूर्ण कार्रवाई की जा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 35 साल से किसी सरकारी पद पर न होने के बावजूद सभी कांग्रेसजनों का विश्वास गांधी परिवार में है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार लगातार गांधी परिवार को बदनाम करने का प्रयास कर रही है, जिसके तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी से कई-कई दिन तक पूछताछ की गई।
गहलोत ने स्पष्ट किया कि चाहे आयकर विभाग हो, ईडी हो या दिल्ली पुलिस, गांधी परिवार और कांग्रेस को केवल राजनीतिक द्वेष से लगातार की जा रही इन कार्रवाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, "लोकतंत्र की मजबूती के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी पूरी मजबूती के साथ लड़ते रहेंगे।"
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
नेशनल हेराल्ड 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के अखबार का नाम था. 2008 से 2010 के बीच घाटे में चल रहा अखबार बंद हुआ, कांग्रेस ने आर्थिक मदद की थी. 2012 में यह मामला तब चर्चा में आया जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल कर गंभीर आरोप लगाए. आरोप थे कि नेशनल हेराल्ड अखबार को अवैध तरीके से कांग्रेस ने यंग इंडियन कंपनी बनाकर हड़पा है. 2014 में इस मामले में सोनिया-राहुल समेत 6 लोगों को कोर्ट ने समन जारी किया था. 2020 तक केस अलग-अलग अदालतों में चलता रहा. 2022 में इस केस में ईडी ने जांच शुरू की. सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी लंबी पूछताछ हुई.
अगले दो साल में ईडी ने जांच कर रही संपतियों को जब्त करने का काम शुरू किया. नवंबर 2023 में ईडी ने AJL के शेयर कुर्क किए. अप्रैल 2025 में AJL की 661 करोड़ की अचल संपत्तियों को खाली करने की मांग करते हुए इनपर कब्जा लेने का नोटिस जारी किया गया था. इस केस में प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, यंग इंडियन और डोटेक्स मर्चेंडाइज प्रा.लि.को आरोपी बनाया है. अब सभी की नजरें 16 दिसंबर को आने वाले कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं.
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