कोटा। ओवरलोड मालगाड़ी तुलाई के मामले में कंट्रोलर ताराचंद मीना ने अपने खिलाफ जारी की गई चार्जशीट और दंड के आदेश को लेकर अपर मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) ललित कुमार धुरंधर के समक्ष अपील दर्ज कराई है। ताराचंद ने अपनी अपील में कहा है कि मालगाड़ी को उन्होंने जयपुर मुख्यालय के आदेश पर तौलवाया था, इसलिए उन्हें दोषी ठहराना पूर्णतः अनुचित है।
सूत्रों के अनुसार, अगर एडीआरएम स्तर पर इस अपील पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो मामला आगे जबलपुर मुख्यालय तक पहुंच सकता है। बताया जा रहा है कि ताराचंद के बाद अन्य दंडित कर्मचारी भी जल्द अपील दाखिल कर सकते हैं।
रेल प्रशासन ने इस मामले में कर्मचारियों को चार्जशीट देने और दंडित करने में असामान्य तेजी दिखाई। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों ने सिर्फ डेढ़ महीने में ही जांच पूरी कर कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई कर दी, जबकि सामान्यतः ऐसे मामलों में महीनों या सालों तक प्रक्रिया लंबित रहती है। कर्मचारियों का कहना है कि यह मामला अधिकारियों की जल्दबाजी और दबाव में की गई कार्रवाई का उदाहरण है। परिचालन विभाग में यह संभवतः पहला मामला है, जिसमें इतने कम समय में कार्रवाई पूरी की गई है।
दरअसल, जयपुर मुख्यालय से प्राप्त सूचना के बाद सवाई माधोपुर स्टेशन पर एक मालगाड़ी को तौलवाया गया था। तुलाई के दौरान पांच डिब्बों में निर्धारित सीमा से अधिक माल पाया गया। इसके बाद अधिकारियों ने कंट्रोलर योगेश खुराना, ताराचंद मीना, टीएनसी उपेंद्र मीना और अनीता शर्मा को चार्जशीट जारी की और कुछ ही दिनों बाद दंडित भी कर दिया।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने मालगाड़ी को अपनी मर्जी से नहीं, बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर तौलवाया था। इसके बावजूद उन्हें अनुचित रूप से सजा दी गई। वहीं, अधिकारियों की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
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