वर्ष 2020 में भरतपुर जिले के उद्योगनगर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी से रिश्वत मांगने के मामले में एसीबी द्वारा गिरफ्तार जयपुर निवासी प्रमोद शर्मा ने बाड़मेर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। बुधवार को आयोजित हुए संघ चुनाव में प्रमोद शर्मा निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए।
2020 का रिश्वत मामला
गौरतलब है कि प्रमोद शर्मा पर भरतपुर के उद्योगनगर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी चंद्र प्रकाश चौधरी से तत्कालीन रेंज आईजी लक्ष्मण गौड़ के नाम पर 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप था। इस मामले में एसीबी ने प्रमोद शर्मा को गिरफ्तार किया था, जिससे उनकी छवि पहले ही विवादों में घिर चुकी है।
सीएम भजनलाल से रिश्ते का दावा
प्रमोद शर्मा उस समय भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सार्वजनिक रूप से अपना "जीजा" बताया था। यह दावा उन्होंने मीडिया के कैमरों के सामने किया था, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
विपक्ष का सरकार पर हमला
प्रमोद शर्मा की इस नियुक्ति को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर जोरदार हमला बोला है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि यह सरकार के नैतिकता के स्तर को दर्शाता है, जहां एक रिश्वत के आरोपी को महत्वपूर्ण पद सौंपा जा रहा है।
प्रमोद शर्मा का बचाव
वहीं, प्रमोद शर्मा के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का अदालत में फैसला होना बाकी है। उनकी नियुक्ति क्रिकेट संघ के विकास और खिलाड़ियों के हित में की गई है।
आलोचना के बावजूद सरकार की चुप्पी
इस मुद्दे पर अभी तक सरकार या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से कोई बयान नहीं आया है। हालांकि, इस मामले ने राज्य की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है।
निष्कर्ष
प्रमोद शर्मा की नियुक्ति से जहां बाड़मेर क्रिकेट संघ को नई दिशा देने की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं उनके विवादास्पद अतीत ने विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। आने वाले दिनों में यह मामला और अधिक राजनीतिक तूल पकड़ सकता है।
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