कोटा, राजस्थान। कोटा मंडल रेल प्रशासन द्वारा 12 मार्च को आयोजित मॉक ड्रिल में गंभीर खामी सामने आई है, जिससे इस अभ्यास की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। आरोप है कि मॉक ड्रिल की गोपनीयता भंग हो गई और कुछ कर्मचारियों ने दुर्घटना राहत ट्रेन (एआरटी) को हूटर बजने से पहले ही रवाना कर दिया।
क्या हुआ?
सूत्रों के मुताबिक, मॉक ड्रिल की जानकारी लीक हो गई थी। इसका फायदा उठाते हुए, कुछ कर्मचारियों ने एआरटी को यार्ड से आगे बढ़ाकर तैयार कर दिया। जब हूटर बजा, तो एआरटी को औपचारिक रूप से रवाना किया गया, लेकिन सही समय रिकॉर्ड नहीं हो सका। इससे उन कर्मचारियों को भी मॉक ड्रिल के बारे में पता चल गया, जिन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मॉक ड्रिल में एआरटी और मेडिकल राहत ट्रेन के रवाना होने का समय महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह आपातकालीन स्थितियों में उनकी तत्परता को दर्शाता है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं:
यह पहली बार नहीं है जब मॉक ड्रिल की गोपनीयता भंग हुई है। सूत्रों का कहना है कि पहले भी कई बार कर्मचारी हूटर बजने से पहले ही तैयार पाए गए हैं।
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