Railway: दीगोद-श्योपुर और कोटा-नीमच-अजमेर लाइन को बजट की उम्मीद, राजगंजमंडी-भोपाल का भी बढ़ेगा बजट

Railway: दीगोद-श्योपुर और कोटा-नीमच-अजमेर लाइन को बजट की उम्मीद, राजगंजमंडी-भोपाल का भी बढ़ेगा बजट

Rail News: एक फरवरी को आम के साथ रेल बजट भी आएगा। हर साल की तरह इस बजट से भी कोटा मंडल को बहुत उम्मीदें हैं। पिछले बजट में कोटा मंडल और आसपास की रेल परियोजना के लिए फरवरी में आए अंतिम बजट में बड़ी राशि का प्रावधान किया गया था। लेकिन अगस्त में आए अंतरिम बजट में लगभग सभी परियोजनाओं से इस राशि का बड़ा हिस्सा काट लिया गया था। उम्मीद है इस बजट में काटी गई राशि के अलावा भी बजट बढ़ेगा।

दीगोद-श्योपुर

पिछले करीब 14 सालों से स्वीकृत दीगोद-श्योपुर बड़ी रेल लाइन का काम भी इस साल शुरु होने की उम्मीद है। इस रेल लाइन पर करीब एक हजार करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है। कोटा के बाद इस लाइन पर दीगोद, सुल्तानपुर, बड़ौद, दौलतपुरा, गणेशगंज, पीपल्दा, उजाड़, कानपुर, खेड़ा तथा उम्मेदपुरा शामिल हैं। इस लाइन के लिए नई डीपीआर तैयार की गई है। इसमेें इस रेलखंड की दूरी 100 किलोमीटर की गई है। पहले यह दूरी 104 किलोमीटर थी। माना जा रहा है कि 2025 में काम शुरु होने के बाद 2028 में इस रेलखंड पर ट्रेन दौड़ सकती है। इस लाइन का काम पुरा होते ही कोटा से ग्वालियर के लिए सीधी ट्रेन मिल सकेगी।

रामगंजमंडी-भोपाल नई लाइन

रामगंजमंडी-भोपाल नई रेल लाइन के लिए इस बजट में बढ़ोतरी की उम्मीद है। पिछले बजट में 262 किलोमीटर की इस लाइन के लिए 650 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन अंतिम बजट में इसमें से 128 करोड़ रुपए (20 प्रतिशत) की कटौती की गई थी। गौरतलब है कि रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना को इसी साल दिसंबर तक पूरी करने का लक्ष्य है। पिछले करीब 20 सालों से रेंग रही इस परियोजना में से अभी तक रामगंजमंडी से नयागांव तक काम पूरा हो चुका है। नयागांव के बाद खिलचीपुर, राजगढ नृहसिंहपुरा तथा ब्यावरा तक काम तेजी से चल रहा है। ब्यावरा तक 165 किलोमीटर में से नया गांव तक करीब सौ किलोमीटर से अधिक का काम पूरा हो चुका है। 65 किलोमीटर का काम और बाकी है। इसके आगे का करीब 111 किलोमीटर का काम भोपाल मंडल द्वारा किया जा रहा है।

अजमेर-कोटा-जालिंद्री

अजमेर-कोटा-नसीराबाद-जालिंद्री नई रेल लाइन के लिए पिछले बजट में 50 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन अंतिम बजट में इस परियोजना से भी 99.98 प्रतिशत यानि करीब 49 करोड़ 99 लाख रुपए की कटौती की गई थी। इस बजट में इस परियोजना को बजट का अनुमान है।

अजमेर-चौथ का बरवाड़ा

इसी तरह अजमेर-नसीराबाद-चौथ का बरवाड़ा नई रेल लाइन परियोजना का काम भी इस साल शुरु होने की उम्मीद है। इस परियोजना को पिछले बजट में 100 करोड़ मिले थे। लेकिन बाद में इसमें से 99 करोड़ 97 लाख रुपए काट लिए थे। इसके चलते यह काम अटका हुआ है।

अजमेर-कोटा

अजमेर-कोटा नई रेल लाइन (145 किमी) के लिए पिछले बजट में सर्वे के लिए 5 करोड़ रुपए मिले थे। माना जा रहा है सर्वे के बाद इस लाइन पर काम शुरु हो सकता है। इसी तरह अजमेर-चित्तौडढ़ (186 किमी) लाइन का काम भी शुरु हो सकता है। पिछले बजट में इसके सर्वे के लिए 15 करोड़ रुपए मिले थे।

सवाईमाधोपुर-जयपुर दोहरीकरण

इसके अलावा इस साल सवाईमाधोपुर-जयपुर दोहरीकरण का काम भी शुरु हो सकता है। कुल 131.27 किमी की इस लाइन के लिए पिछले बजट में 100 करोड़ रुपए मिले थे। लेकिन बाद में इस बजट में से 70 करोड़ रुपए काट लिए गए थे।
साथ ही सवाई माधोपुर से जयपुर बायपास का काम भी शुरु होने उम्मीद है। पिछले बजट में 6.98 किमी की इस लाइन के सर्वे के लिए 160 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। लेकिन बाद में इसमें से 130 करोड़ रुपए की कटौती कर ली गई थी।

नीमच-सिंगोली रेल लाइन

इस साल नीमच-सिंगोली-बैगू-रावतभाटा-कोटा नई रेल लाइन का काम भी शुरु होने की उम्मीद है। पिछले बजट में इस लाइन के फाइनल सर्वे के लिए 5 करोड़ 3 लाख 25 हजार रुपए प्रावधान किया था। दिसंबर में हुई सांसदों की बैठक में भी मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता सर्वे में देरी पर रेल अधिकारियों पर भड़क गए थे। सुधीर का कहना था कि सर्वे में देरी से बजट में काम शुरु करने के लिए पैसा मिलना मुश्किल हो जाएगा।
यह नई लाइन बिछने के बाद कोटा से नीमच की दूरी करीब 30 किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी चित्तौडढ़ होते हुए कोटा से नीमच की दूरी करीब 230 किलोमीटर है। नई लाइन से ट्रेन सीधे सिंगोली होते हुए कोटा तक आएगी। कोटा से सिंगोली तक दूरी करीब 140 किलोमीटर है।

कोटा से जुड़ेगा रावतभाटा

यह लाइन चालू होते ही रावतभाटा भी कोटा से सीधा जुड़ जाएगा। रावतभाटा से यह लाइन करीब 7 किलोमीटर दूर भैंसरोडगढ़ से गुजरेगी। यह लाइन बिछते ही मध्यप्रदेश व राजस्थान के 4 जिलों की 6 तहसीलों के 325 से अधिक गांव के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। कोटा-सिंगोली तक जावद रोड, रतनगढ़ सिंगोली, भैंसरोडगढ़ तथा जवाहर सागर स्टेशन भी होंगे।
दस साल से है इंतजार
रेलवे ने पहली बार 2014 के बजट में इस नए रेल खंड के सर्वे को मंजूरी दी थी। यह सर्वे करीब चार साल चला था। इसके बाद 2017-19 में भी सात करोड़ रुपए की अधिक लागत से इसका फिर से सर्वे हुआ था। लेकिन इसके बाद से इस लाइन का काम आगे नहीं बढ़ा था।

झालावाड़-उज्जैन नई रेल लाइन परियोजना

इसी साल झालावाड़-उज्जैन नई रेल लाइन काम भी शुरु होने की उम्मीद है। पश्चिम-मध्य रेलवे द्वारा इस काम को किया जाएगा। यह काम पूरा होने के बाद कोटा, झालावाड़ के रास्ते भी सीधा उज्जैन से जुड जाएगा। नए बजट में इस परियोजना के लिए राशि का प्रावधान की उम्मीद है। इस पूरी परियोजना के लिए 2667 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान लगाया गया है। रेल लाइन वाया आगर, सुसनेर, सोयतकलां तथा रायपुर होते हुए निकलेगी। पिछले बजट में इस परियोजना के सर्वें और विस्तृत कार्य योजना के लिए 4 करोड़ 75 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। इसके बाद रेलवे ने गत वर्ष दिसंबर में ही इस योजना की स्वीकृति जारी की है।

बजट बढऩे की उम्मीद

उल्लेखनीय है कि अगस्त में आए केंद्र सरकार के अंतिम बजट में कोटा मंडल सहित पश्चिम-मध्य रेलवे को पिछले बजट में 9491 करोड़ रुपए मिले थे। यह फरवरी मेें आए अंतरिम बजट से करीब 93 करोड़ ज्यादा थे।
इसमें नई लाइनों के लिए 2480 करोड़, दोहरीकरण-तिहरीकरण के लिए 1372, यातायात सुविधा-यार्ड रिमॉडलिंग 140, रोड सेफ्टी वर्क (लेवल क्रोसिंग) 15, अंडर एवं ओवर ब्रिज 627, ट्रैक रिन्यूवल 970, ब्रिज और टनल वर्क 121, सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन 236, इलेक्ट्रिकल वर्क टीआरडी 105, यात्री सुविधा 379 तथा कारखाने एवं उत्पादन इकाइयों के लिए 103 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।

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