कोटा: रेलवे संस्थान, कोटा में कर्मचारी उपहार की खरीद को लेकर रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन और संस्थान सचिव के बीच तीखा विवाद खड़ा हो गया है। रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन ने एक विज्ञप्ति जारी कर संस्थान सचिव महेंद्र खींची पर नियम विरुद्ध तरीके से हल्की गुणवत्ता वाला बैग उपहार में देने का गंभीर आरोप लगाया है।
यूनियन ने आरोप लगाया है कि यह निर्णय बिना कार्यकारिणी की बैठक, बिना मिनिट्स (मिनटों का लेखा-जोखा) और बिना निविदा (Tender) निकाले लिया गया, जो कि रेलवे संस्थान के सदस्यों के साथ धोखा है। यूनियन की कार्यकारिणी ने इस पूरे मामले की शिकायत मंडल रेल प्रबंधक (DRM) को करने की जानकारी दी है।
यूनियन का आरोप: कर्मचारियों से हुई धोखाधड़ी
यूनियन की विज्ञप्ति में बताया गया है कि रेलवे संस्थान के लिए हर कर्मचारी सदस्य के वेतन से हर साल 120 रुपये की कटौती होती है। पिछले 3 वर्षों में हर कर्मचारी से 360 रुपये वसूले गए और इतनी ही राशि रेलवे प्रशासन द्वारा भी जमा करवाई गई। इस तरह 3 वर्षों में कुल 720 रुपये प्रति कर्मचारी जमा हुए।
यूनियन का कहना है कि इसके अनुपात में कर्मचारी को कम से कम 500 से 600 रुपये का उपहार दिया जाना चाहिए था। सचिव द्वारा कार्यकारिणी को अनदेखा कर एकतरफा निर्णय लेना और हल्की गुणवत्ता का उपहार देना संस्था के सदस्यों के साथ धोखाधड़ी है।
सचिव का पलटवार: 'पूरी कार्रवाई नियमानुसार'
वहीं, संस्थान सचिव महेंद्र खींची ने भी एक विज्ञप्ति जारी कर पूरी कार्रवाई को नियमानुसार बताया है और कोषाध्यक्ष पर पलटवार किया है।
खींची ने कहा कि कोषाध्यक्ष खुद को सचिव समझते हैं और संस्थान के खाते संबंधी पासबुक, चेकबुक और अन्य दस्तावेज अपने पास रखते हैं और मांगने पर भी नहीं देते हैं।
उन्होंने खरीद का विवरण देते हुए बताया कि 4 हजार सदस्यों के लिए 235 रुपये प्रति बैग के हिसाब से खरीदारी की गई है। उनके अनुसार, इस निर्णय में कार्यकारिणी सदस्य मट्टू लाल मीना और विजेंद्र कुमार भी शामिल थे। खींची ने दावा किया कि संस्थान के खाते में कुल 11 लाख रुपये हैं, जिसमें से 9 लाख 40 हजार रुपये के बैग खरीदे गए हैं, और यह खरीदारी पूरी तरह से नियमानुसार हुई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रेलवे से मात्र 17 हजार रुपये ही मिले हैं।
खींची ने यह भी बताया कि सदस्यों के प्रस्ताव पर और खुद के निर्णय का अधिकार होने के नाते सचिव को उपहार खरीद का विशेषाधिकार प्राप्त है।
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