आधी गर्मी बीतने के बाद खुला रेलवे स्विमिंग पूल: 13 साल से कर्मचारियों को नहीं मिल रहा पूरा लाभ

आधी गर्मी बीतने के बाद खुला रेलवे स्विमिंग पूल: 13 साल से कर्मचारियों को नहीं मिल रहा पूरा लाभ

कोटा : कोटा में रेलवे का स्विमिंग पूल आखिरकार आधी गर्मी बीतने के बाद शनिवार से शुरू हो गया है। रेलवे स्टेडियम में स्थित इस पूल का उद्घाटन 13 साल पहले 1 जून 2013 को हुआ था, लेकिन पानी के रिसाव और छोटे फिल्टर प्लांट जैसी खामियों के कारण कर्मचारियों को इसका समुचित लाभ कभी नहीं मिल पाया।

शुल्क और समय: रेल कर्मचारियों के लिए इस पूल में नहाने का मासिक शुल्क ₹500 रखा गया है, जबकि बाहरी व्यक्तियों को ₹1000 प्रति माह चुकाने होंगे। पूल में 8 वर्ष से कम आयु के बच्चों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है, और 8 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को माता-पिता के साथ ही अनुमति दी जाएगी। स्विमिंग पूल का समय शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक निर्धारित किया गया है। इसमें शाम 4 से 5 बजे तक महिलाएं, 5 से 7 बजे तक पुरुष और 7 से 8 बजे तक लोग परिवार सहित पूल का उपयोग कर सकते हैं। प्रत्येक सोमवार को स्विमिंग पूल बंद रहेगा।

अधूरा लाभ और पुरानी खामियां: 2013 में तत्कालीन मंडल रेल प्रबंधक मधुसूदन राव ने इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया था, जिसमें स्विमिंग पूल के अलावा जिम, बिलियर्ड्स, स्नूकर, चेस, कैरम और टेबल टेनिस जैसी खेल सुविधाएं भी शामिल थीं। हालांकि, शुरुआती दौर से ही पानी के रिसाव जैसी बड़ी खामियों के चलते कर्मचारियों को स्विमिंग पूल का पूरा लाभ नहीं मिल सका। पहले यहां क्षमता से छोटा फिल्टर प्लांट लगाया गया था, जो एक बार धमाके के साथ फट भी गया था। बाद में अधिक क्षमता का फिल्टर प्लांट लगाया गया, लेकिन रिसाव की समस्या का स्थायी समाधान न होने के कारण पूल अक्सर बाधित रहा, जिससे कर्मचारियों के पैसे भी डूबे।

सुबह का समय नहीं होने के कारण इस बार भी कर्मचारियों को पूल का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। पहले यह पूल सुबह भी चलता था, लेकिन इस बार केवल शाम का समय ही निर्धारित किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय मानकों का दावा और वास्तविकता: उद्घाटन के समय रेलवे अधिकारियों ने लगभग 15 लाख लीटर पानी की क्षमता वाले इस पूल को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाने का दावा किया था। 50 गुणा 24 मीटर के इस पूल को अंतर्राष्ट्रीय तैराकी खिलाड़ियों के लिए बेहतर बताया गया था, लेकिन पिछले 13 सालों में यहां से एक भी जिला स्तर का खिलाड़ी तैयार नहीं हो सका है।

करीब ₹2.44 करोड़ की लागत से तैयार हुए इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में भवन निर्माण पर लगभग ₹1.53 करोड़ और उपकरणों पर ₹91 लाख खर्च किए गए थे। यह दो मंजिला कॉम्प्लेक्स एक दर्शक दीर्घा और 7 कमरों के साथ बनाया गया था।

अधिकारियों के पूल का निर्बाध संचालन: दिलचस्प बात यह है कि इस स्विमिंग पूल के साथ ही ऑफिसर क्लब में अधिकारियों के लिए भी एक स्विमिंग पूल बनाया गया था। खास बात यह है कि अधिकारियों का यह स्विमिंग पूल पिछले 13 सालों से लगातार बिना किसी बड़ी खामी के चल रहा है, जबकि कर्मचारियों के पूल को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ा है। यह स्थिति रेलवे प्रशासन की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करती है।

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