राजस्थान का वर्ष 2024 राजनीतिक और सामाजिक उतार-चढ़ाव से भरा रहा। भाजपा के भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सत्ता संभालने से लेकर कांग्रेस की वापसी, पेपर लीक मामले, उपचुनावों में हलचल, कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं और जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुई भीषण दुर्घटनाओं तक, यह साल राज्य के लिए अनेक विवादों और घटनाओं का गवाह बना।
भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में भाजपा सरकार की शुरुआत
राजस्थान में साल की शुरुआत में भाजपा के भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को पार्टी की कमान सौंपे जाने से राजनीतिक हलकों में कई आशंकाएं जताई जा रही थीं। वसुंधरा राजे को हाशिये पर रखते हुए भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ, जिससे पार्टी के भविष्य को लेकर सवाल उठे। वहीं, कांग्रेस की हार और भीतरी कलह की चर्चाओं ने राजनीतिक माहौल को और जटिल बना दिया।
कांग्रेस की वापसी और लोकसभा चुनाव में सफलता
राजस्थान में कांग्रेस के भविष्य को लेकर काफी चर्चा हो रही थी, लेकिन साल के अंत तक पार्टी ने लोकसभा चुनावों में वापसी की। नवंबर 2023 में विधानसभा चुनावों में हार के बाद, कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में 25 में से 8 सीटें जीतकर पार्टी की स्थिति को मजबूत किया और अंदरूनी कलह की अफवाहों को भी विराम दिया।
भजनलाल शर्मा सरकार का जिलों का पुनर्गठन
राज्य की आखिरी मंत्रिमंडलीय बैठक में, भजनलाल शर्मा ने राज्य में 9 जिलों और 3 संभागों को समाप्त करने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जिले न तो व्यावहारिक थे और न ही सार्वजनिक हित में थे। इस निर्णय के बाद राज्य में कुल 7 संभाग और 41 जिले होंगे।
भीषण गैस टैंकर ब्लास्ट और तेंदुए के हमले
राजस्थान में 2024 में कई त्रासद घटनाएं हुईं। सबसे बड़ी दुर्घटना 20 दिसंबर को हुई, जब जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक एलपीजी टैंकर और ट्रक के टकराने से भीषण आग लग गई। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई और 39 वाहन जलकर खाक हो गए।
अक्टूबर में, उदयपुर के पास तेंदुए के हमलों ने पूरे क्षेत्र में दहशत फैला दी। तेंदुए के हमलों में दस लोग मारे गए। वन विभाग ने तेंदुए को खत्म करने के लिए निजी शूटर की मदद ली और एक तेंदुए को मार दिया।
अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
राजस्थान में 2024 में कई अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं भी घटीं। दौसा में बोरवेल में गिरने से एक 5 साल के बच्चे की मौत हो गई। मुख्यमंत्री के काफिले के सुरक्षा वाहन और टैक्सी कार के बीच दुर्घटना हुई, जिसमें चालक और एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक की जान चली गई।
राजनीतिक उतार-चढ़ाव और भाजपा में बगावत
2024 में भाजपा में राजनीतिक हलचल भी देखी गई। मई-जून में लोकसभा चुनावों में हार के बाद, कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पार्टी और सरकार को शर्मसार किया। उन्होंने इस्तीफा देने की घोषणा की, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इस दौरान भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सीपी जोशी की जगह राज्यसभा सांसद मदन राठौर को नियुक्त किया।
कांग्रेस और भाजपा के बीच उपचुनावों में प्रतिस्पर्धा
विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस और भाजपा के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी। भाजपा ने उपचुनावों में अच्छे परिणाम हासिल किए, जबकि जाट नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) को करारा झटका लगा। आदिवासी क्षेत्र में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई और चार विधायक और एक सांसद के साथ राजनीतिक परिदृश्य में उभरी।
समाप्ति
साल 2024 राजस्थान के लिए राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा। कांग्रेस की वापसी और भाजपा में आंतरिक हलचल से लेकर, प्राकृतिक आपदाओं और त्रासद घटनाओं तक, इस साल ने राज्य को कई अहम घटनाओं का सामना कराया।
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