राजस्थान में किसानों को राहत: ट्रांसफार्मर चोरी पर अब FIR का इंतजार नहीं, तुरंत मिलेगा नया

राजस्थान में किसानों को राहत: ट्रांसफार्मर चोरी पर अब FIR का इंतजार नहीं, तुरंत मिलेगा नया

राजस्थान: राजस्थान के किसानों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। खेतों में लगे बिजली के ट्रांसफार्मर चोरी होने की स्थिति में अब उन्हें नए ट्रांसफार्मर के लिए पुलिस में FIR दर्ज होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियां) चोरी की सूचना मिलते ही किसानों को नया ट्रांसफार्मर उपलब्ध करा देंगी।

राज्य में खेतों से ट्रांसफार्मर चोरी की घटनाएं काफी आम हो गई हैं। चोर न केवल ट्रांसफार्मर चुरा ले जाते हैं, बल्कि उसमें भरा कीमती तेल भी निकाल लेते हैं। इससे किसान को खेती के महत्वपूर्ण सीजन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था। पहले, ट्रांसफार्मर चोरी होने के बाद किसान को नया ट्रांसफार्मर लेने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, जिसमें पुलिस द्वारा FIR दर्ज कराने में देरी और बिजली विभाग के चक्कर काटना शामिल था। कई बार पुलिस FIR दर्ज करने में आनाकानी करती थी या तय तारीखों पर ही मुकदमे दर्ज करती थी, जिससे किसान की फसल बर्बाद हो जाती थी और उत्पादन घट जाता था।

ऊर्जा मंत्री का बड़ा फैसला:

इस गंभीर समस्या को देखते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने हस्तक्षेप किया है। उन्होंने जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ट्रांसफार्मर चोरी की स्थिति में उपभोक्ताओं को FIR का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। डिस्कॉम ने इन निर्देशों पर तुरंत अमल करते हुए आदेश जारी कर दिए हैं।

नई प्रक्रिया ऐसे काम करेगी:

  • तुरंत पत्र: ट्रांसफार्मर चोरी होने पर सहायक अभियंता (Assistant Engineer) तुरंत पुलिस को इसकी सूचना देते हुए एक पत्र भेजेंगे।

  • ई-मेल द्वारा सूचित: पत्र की रसीद मिलते ही, सहायक अभियंता डिस्कॉम के एएसपी (सतर्कता) को ई-मेल के माध्यम से सूचित करेंगे।

  • समन्वय और FIR: इसके बाद, एएसपी (सतर्कता) संबंधित थाना प्रभारी के साथ समन्वय स्थापित कर FIR दर्ज करवाएंगे।

सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि FIR दर्ज होने का इंतजार किए बिना ही, सहायक अभियंता कार्यालय के बफर स्टॉक से किसान को नया ट्रांसफार्मर उपलब्ध करवा दिया जाएगा।

यदि किसी मामले में पुलिस थाने में 15 दिनों के भीतर मुकदमा दर्ज नहीं होता है, तो सहायक अभियंता अधीक्षण अभियंता (Superintending Engineer) को सूचित करेंगे, जो फिर एएसपी (सतर्कता) से संपर्क करेंगे।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बताया कि ट्रांसफार्मर चोरी की FIR दर्ज होने की प्रक्रिया काफी लंबी थी और इसमें बहुत समय लगता था। नए ट्रांसफार्मर के लिए किसान पुलिस थाने और बिजली विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगाता रहता था। खेती के सीजन में पानी की कमी के कारण फसल सूख जाती थी या फिर उत्पादन कम होता था, जिससे किसान को भारी नुकसान उठाना पड़ता था। इस नए फैसले से किसानों को समय पर पानी मिलेगा और उनकी फसल बर्बाद होने से बचेगी।

 

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