राजस्थान: वर्ष 2023 के सैनी माली समाज के आंदोलन के सह-संयोजक रहे पूर्व पत्रकार श्याम सुंदर सैनी सोमवार को 2010 के एक सड़क दुर्घटना प्रकरण में करीब तीन माह बाद जमानत पर रिहा हो गए। जेल से बाहर आते ही उन्होंने पोक्सो एक्ट (POCSO Act) के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की बड़ी घोषणा की है।
सैनी ने बताया कि जेल के अंदर उन्होंने पोक्सो एक्ट के तहत सजा काट रहे और विचाराधीन बंदियों की संख्या को बहुत गंभीरता से देखा। उन्होंने पाया कि आज हजारों युवा, जिनकी उम्र लगभग 18 से 30 साल के बीच है, इस एक्ट में सजा काट रहे हैं, जबकि उनमें से अधिकांश को जेल जाने से पहले इस कानून के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने इस स्थिति को 'बहुत गंभीर विषय' बताते हुए चेतावनी दी कि अगर इस पर अभी ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में यह और भी घातक सिद्ध होगा।
श्याम सुंदर सैनी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब किशोरों के लिए कानून बना दिया गया, तो सरकार ने किसी अभियान या स्कूली पाठ्यक्रम के माध्यम से किशोर अवस्था के बच्चों को इसके बारे में जागरूक करने की पहल क्यों नहीं की। उन्होंने मांग की कि सरकार को पोक्सो एक्ट प्रकरण को कक्षा सातवीं या आठवीं के पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए।
सैनी ने यह भी बताया कि वह एक शॉर्ट वीडियो के माध्यम से भी किशोर युवक-युवतियों को जागरूक करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के जरिये संदेश पहुंचाने का काम करेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह 'शक्तिमान' जैसे धारावाहिकों से बच्चे प्रेरित होकर जोखिम उठाते थे, और फिर उन पर रोक लगाई गई, उसी तरह फिल्मों में प्रेम प्रसंग वाले दृश्यों के दौरान भी किशोरों को जागरूक करने वाली हिंदी चेतावनी दी जानी चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार और न्यायपालिका को गंभीरता से सोचने का आग्रह किया।
अपनी रिहाई से पहले, श्याम सुंदर सैनी ने अपनी बेटी पूर्वी के जन्मदिन पर जेल प्रशासन की स्वीकृति से करीब सत्तर पेड़ जेल के अंदर लगाकर एक नेक पहल की। उन्होंने घोषणा की है कि अपनी संस्था के माध्यम से वह जिला कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों की स्वीकृति लेकर विद्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक तौर पर बच्चों के लिए पोक्सो जागरूकता अभियान चलाएंगे।
इस अवसर पर सेवर जेल पर चतर सिंह सैनी (भरतपुर), मानसिंह सैनी (भरतपुर), राधाकिसन जाटव (ढिंढोरा), रतन सैनी, गणेश सैनी, राष्ट्रीय फुले संघ की अध्यक्ष और 2023 के सैनी माली आंदोलन की संयोजक एडवोकेट अंजली सैनी, कमलेश सैनी, सावित्री सैनी, राहुल मीना, जयसिंह मीना, रिंकू मीना, रितेश जगरिया, दीपक सैनी, लोकेश मीना, बाबू लाल सैनी, बनेसिंह सैनी, रामनाथ कुशवाह (घाटा), रमेश सैनी, भूरसिंह सैनी आदि सैनी के स्वागत के लिए मौजूद रहे।
श्याम सुंदर सैनी का अपने पैतृक गांव सूरौठ पहुंचने पर भी कई स्थानों पर माला और साफा पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। गांव में सैकड़ों की तादाद में मौजूद युवाओं को पोक्सो कानून की जानकारी और उसके गंभीर परिणाम बताए गए, तथा एक सामाजिक सभा का आयोजन कर युवा साथियों को शामिल करते हुए पोक्सो जागरूकता अभियान चलाने की घोषणा की गई।
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