सवाई माधोपुर: चौथ का बरवाड़ा थाना क्षेत्र में जिस अवैध बजरी के कारोबार को लेकर बवाल मचा था, वह कारण अभी भी बरकरार है। हाल ही में पुलिस की छापेमारी कार्रवाई के दौरान एक बजरी माफिया की मौत, एक आरपीएस और एक उप निरीक्षक के निलंबन के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं।
चौथ का बरवाड़ा के तहसील कार्यालय के सामने का ताजा नजारा यह है कि अवैध बजरी से ओवरलोड भरे और सरपट दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की रेलमपेल जारी है। बताया जा रहा है कि बगीना क्षेत्र से आ रही ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और निकल गई चोरों की तरफ। ग्रामीणों की चर्चाओं पर गौर करें तो प्रति ट्रैक्टर-ट्रॉली एंट्री फीस 1 हजार रुपये है।
मजे की बात यह है कि उसी रास्ते पर गश्त कर रहे पुलिस वाहन को ये ट्रैक्टर नजर नहीं आ रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिर किसकी शह पर रोज निकल रही अवैध बजरी की सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां? रात के अंधेरे में होने वाले इस काले कारोबार को रोकने की जहमत कौन उठाएगा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस कार्रवाई के बावजूद अवैध बजरी का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। निलंबन के बाद भी स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है, जिससे ग्रामीणों में निराशा है। वे सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इस अवैध कारोबार को किसका संरक्षण प्राप्त है और कब इस पर लगाम लगेगी।
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