करौली, 2 जनवरी: जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने खुले बोरवेल और ट्यूबवेल से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने एक आदेश जारी कर विभिन्न स्तरों पर एजेंसियों को जिम्मेदारी सौंपी है।
कमेटी का गठन:
- जिला स्तर: जिला कलेक्टर आपदा प्रबंधन के प्रमुख होंगे।
- खंड स्तर: खंड विकास अधिकारी खंड स्तर पर इस कार्य का नेतृत्व करेंगे।
- नगरीय क्षेत्र: नगरपालिका और नगर परिषद के आयुक्त और अधिशासी अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
- ग्राम पंचायत स्तर: ग्राम स्तरीय सुरक्षा समिति गठित की जाएगी जिसमें ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और कृषि पर्यवेक्षक सदस्य होंगे।
- नगर स्तर: नगर स्तरीय सुरक्षा समिति भी गठित की जाएगी जिसमें राजस्व अधिकारी, कनिष्ठ अभियंता और राजस्व निरीक्षक सदस्य होंगे।
क्या होंगे कदम:
- खुले बोरवेलों का चिन्हीकरण: सभी समितियां अपने-अपने क्षेत्र में खुले बोरवेल और ट्यूबवेल का चिन्हीकरण करेंगी।
- सुरक्षा उपाय: खुले बोरवेलों को तारबंदी या मिट्टी, कंकड़, बजरी से बंद किया जाएगा।
- जिम्मेदारों पर कार्रवाई: यदि कोई व्यक्ति अपने बोरवेल को सुरक्षित नहीं रखता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- जागरूकता अभियान: ग्राम सभाओं, स्कूलों और अन्य मंचों पर लोगों को खुले बोरवेलों के खतरों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
- प्रतिमाह रिपोर्ट: सभी समितियों को हर महीने की 10 तारीख तक सुरक्षित किए गए बोरवेलों की जानकारी देनी होगी।
क्यों है यह महत्वपूर्ण:
खुले बोरवेल बच्चों और जानवरों के लिए बहुत बड़ा खतरा होते हैं। इनसे होने वाली दुर्घटनाएं कई बार घातक होती हैं। जिला प्रशासन द्वारा उठाए गए ये कदम इन दुर्घटनाओं को रोकने में काफी मददगार साबित होंगे।
आप क्या कर सकते हैं:
- अपने आसपास के क्षेत्र में खुले बोरवेल की जानकारी प्रशासन को दें।
- अपने बच्चों को खुले बोरवेलों से दूर रखें।
- अपने समुदाय में खुले बोरवेलों को सुरक्षित बनाने के लिए जागरूकता फैलाएं।