राजस्थान की इन 3 जहरीली नदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कल सुनाएगा बड़ा फैसला

राजस्थान की इन 3 जहरीली नदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कल सुनाएगा बड़ा फैसला

जयपुर। राजस्थान की तीन प्रमुख नदियों—जोजरी, बांडी, और लूणी—में दशकों से जारी भयंकर औद्योगिक प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सरकार प्रदूषण रोकने में बुरी तरह नाकाम रही है, जिसके कारण जोधपुर, पाली और बालोतरा के लगभग 20 लाख लोगों की सेहत खतरे में है और वे दूषित पानी की समस्या झेल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना बड़ा फैसला 21 नवंबर को सुनाएगा।


 

😠 CETP की खराब हालत पर तीखी टिप्पणी

 

जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने सोमवार को राजस्थान सरकार की ओर से पेश की गई विस्तृत रिपोर्ट को दर्ज किया, लेकिन जमीनी हालात पर गहरी नाराजगी व्यक्त की।

  • नाकामी पर फटकार: अदालत ने कहा कि सरकारी आंकड़ों में जो दिखाया जा रहा है, असल परेशानी उससे कहीं ज्यादा गंभीर है। सालों से निगरानी और आश्वासनों के बावजूद पानी की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है, जो बड़े स्तर पर नाकामी को दर्शाता है।

  • CETP को बाइपास: कोर्ट ने विशेष रूप से कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (CETP) की खराब स्थिति पर चिंता जताई। कोर्ट ने टिप्पणी की कि जब "सभी CETP को नजरअंदाज कर दिया गया है और गंदा पानी सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है तो फिर नगर निकायों को जुर्माने से राहत क्यों दी जाए?"

 

💰 NGT के जुर्माने पर असमंजस

 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि क्या वह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 25 फरवरी 2022 के उस आदेश के खिलाफ अपनी अपीलें वापस लेगी, जिसमें रीको (RIICO) और जोधपुर, पाली व बालोतरा की नगर निकायों पर दो-दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। यह जुर्माना बिना ट्रीटमेंट वाले औद्योगिक कचरे को नदियों में जाने से रोकने में नाकामी की वजह से लगाया गया था।

राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि राजस्थान सरकार अब NGT के सभी निर्देशों का पूरा पालन करने का फैसला कर चुकी है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि RIICO और नगर निकायों पर लगाए गए जुर्माने को फिलहाल रोक दिया जाए, ताकि नई कार्रवाई का मूल्यांकन हो सके।

 

📅 फैसला 21 नवंबर को

 

कोर्ट ने राज्य सरकार से तीनों नदियों की वर्तमान प्रदूषण स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। सभी विभागों से NGT के फैसले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट अब इस गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य मुद्दे पर अपना अहम फैसला 21 नवंबर को सुनाएगा।

G News Portal G News Portal
132 0

0 Comments

No comments yet. Be the first to comment!

Leave a comment

Please Login to comment.

© G News Portal. All Rights Reserved.