रणथंभौर में जिप्सी दुर्घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट सख्त, सभी टाइगर रिजर्व में समान नियम लागू करने के निर्देश

रणथंभौर में जिप्सी दुर्घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट सख्त, सभी टाइगर रिजर्व में समान नियम लागू करने के निर्देश

सवाई माधोपुर: रणथंभौर नेशनल पार्क में टाइगर सफारी के दौरान जिप्सी दुर्घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के टाइगर रिजर्व में एक समान व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने वन्यजीवों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए यह फैसला लिया है।

क्या है मामला?

हाल ही में रणथंभौर पार्क में टाइगर की साइटिंग के चक्कर में तेज गति से दौड़ रही दो जिप्सियां आपस में टकरा गईं। इस हादसे में चालक और कई पर्यटक घायल हो गए। इससे पहले भी देश के अभयारण्यों में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं।

सुप्रीम कोर्ट की चिंताएं:

सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट अभयारण्य में अनियमितताओं पर सुनवाई के दौरान इस प्रकार के कई मामले सामने आने पर सभी टाइगर रिजर्व में एक समान व्यवस्था को जरूरी बताया है।

कोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • बाघ अभयारण्यों के प्रबंधन के लिए अखिल भारतीय नीति लागू हो।
  • वन्यजीवों के संरक्षण के खिलाफ अवैध गतिविधियों पर रोक लगे।
  • अभयारण्यों में वाहनों की संख्या सीमित हो।
  • अवैध निर्माण पर रोक लगे।
  • बाघों की साइटिंग एक निर्धारित दूरी से ही हो।
  • नियम तोड़ने पर जुर्माने का प्रावधान हो।
  • वन्यजीवों के प्रजनन काल में व्यवधान न हो।

वाहनों की स्थिति:

  • रणथंभौर: 140 वाहन प्रति पारी
  • कूनो: 160 वाहन प्रति पारी
  • जिम कॉर्बेट: 170 वाहन प्रति पारी
  • महाराष्ट्र: 160 वाहन प्रति पारी
  • दक्षिण भारत: कई राज्यों में सीमा नहीं

अवैध निर्माण पर जवाब मांगा:

सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट पार्क में अवैध निर्माण पर भी चिंता जताई है। साथ ही सभी टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण को लेकर निर्देश दिए हैं।

विशेषज्ञ की राय:

अधिवक्ता हरिप्रसाद योगी ने कहा कि बाघ-बाघिनों को घेरने के मामले में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एनटीसीए को समान नीति बनानी चाहिए।

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