जयपुर, 11 अप्रैल: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर जाने के बाद हुए शुद्धिकरण की घटना पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को जमकर घेरा है। महात्मा ज्योबा फुले जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए गहलोत ने इस पूरे प्रकरण को ‘मानवता पर कलंक’ बताया और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को छुआछूत के खिलाफ देशव्यापी अभियान चलाने की खुली चुनौती दी।
गहलोत ने कहा कि यह घटना पूरे देश के लिए शर्मनाक है। लोग इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं और इसे न केवल दलित विरोधी बल्कि मानवता विरोधी मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भी यदि किसी दलित नेता के मंदिर जाने के बाद उसे गंगाजल से शुद्ध किया जाता है, तो यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि मनुवादी सोच आज भी जीवित है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरएसएस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि यदि वे वास्तव में दलितों और आदिवासियों को हिंदू मानते हैं, तो उन्हें आगे आकर पूरे देश में छुआछूत के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि आरएसएस, जो खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है, इस मुद्दे पर चुप क्यों है? आज तो केंद्र और राज्य दोनों में उनकी सरकार है, फिर इस जिम्मेदारी से वे क्यों भाग रहे हैं?
गहलोत ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चुनौती देते हुए कहा कि उन्हें स्वयं आगे आकर यह आह्वान करना चाहिए कि हिंदुओं के बीच आपस में कोई छुआछूत की भावना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं में आपसी भेदभाव की जिम्मेदारी समाज की है और आरएसएस-भाजपा को इसमें सहयोग करना चाहिए।
अशोक गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर में जाने पर शुद्धिकरण और अन्य भेदभाव की घटनाएं बीजेपी और आरएसएस की मानसिकता को उजागर करती हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह आरोप गलत है, तो बीजेपी और आरएसएस को खुलकर सामने आना चाहिए और कहना चाहिए कि वे छुआछूत के खिलाफ हैं। उनकी चुप्पी का मतलब साफ है कि वे भी इस मानसिकता में कहीं न कहीं शामिल हैं।
जूली के बहाने कांग्रेस का बड़ा निशाना:
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को लेकर यह मामला अब कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है। कांग्रेस ने इस पूरे विवाद को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है और इसे दलित सम्मान तथा सामाजिक न्याय के मुद्दे से जोड़कर भाजपा पर सीधा हमला बोला है।
क्या है मंदिर शुद्धिकरण का विवाद:
बता दें कि हाल ही में राजस्थान के अलवर जिले में रामनवमी के दिन नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली एक मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। उनके जाने के बाद बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा ने मंदिर में गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण किया था, जिससे यह विवाद पैदा हुआ। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा बैकफुट पर आ गई थी और आहूजा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करते हुए तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा था।
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