कोटा, 21 अप्रैल: कोटा मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) अनिल कालरा ने रविवार को छबड़ा रेलवे स्टेशन का दौरा किया और शनिवार को निर्माणाधीन प्रवेश द्वार गिरने की घटना स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने हादसे के कारणों की पड़ताल की और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए गलतियों से सबक लेते हुए योजनाबद्ध तरीके से काम करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए डीआरएम अनिल कालरा ने प्रवेश द्वार गिरने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि प्रवेश द्वार के लेंटर का सरफेस ठीक नहीं था और ऊपर कंक्रीट ले जा रही मशीन की बकेट शटरिंग से टकरा गई, जिसके कारण यह हादसा हुआ। कालरा ने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए अधिकारियों, सुपरवाइजरों और ठेकेदारों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि, उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।
कोरोना में बंद ट्रेनें होंगी शुरू
एक अन्य सवाल के जवाब में डीआरएम कालरा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बंद की गई ट्रेनों को फिर से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर जबलपुर मुख्यालय भेजा जाएगा और अनुमति मिलते ही इन ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
मेमू ट्रेनों में बढ़ेंगे डिब्बे
डीआरएम ने यह भी बताया कि मेमू ट्रेनों में डिब्बों की संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही मेमू ट्रेनों को 12 डिब्बों का किया जाएगा।
क्या था मामला?
गौरतलब है कि छबड़ा रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत बन रहा मुख्य प्रवेश द्वार शनिवार को अचानक गिर गया था। निर्माण कार्य के दौरान सरिया, शटरिंग और कंक्रीट सहित पूरा लेंटर नीचे आ गिरा था, जिससे एक जूनियर इंजीनियर और तीन मजदूर घायल हो गए थे। उनका इलाज बारां रेलवे अस्पताल में किया गया था।
निरीक्षण के बाद डीआरएम अनिल कालरा रविवार शाम को जयपुर सुपर ट्रेन से मुंबई रवाना हो गए।
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