कोटा। बूंदी रेलखंड पर स्थित मांडलगढ़ रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत किए जा रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। स्टेशन के सौंदर्यीकरण के तहत यात्रियों के बैठने के लिए बनाए गए स्थान पर लगाई गई टाइल्स उद्घाटन से पहले ही गिरने लगी हैं। यह गिरी हुई टाइल्स कई दिनों तक प्लेटफार्म पर यूं ही पड़ी रही, जो निर्माण कार्य की खराब गुणवत्ता को दर्शाती है।
यह पहली बार नहीं है जब मांडलगढ़ स्टेशन पर अमृत भारत योजना के कार्यों में लापरवाही सामने आई है। इससे पहले इसी स्टेशन पर नवनिर्मित शौचालय के दरवाजे टूटने का मामला भी प्रकाश में आया था। बूंदी रेलखंड पर अन्य स्थानों पर भी घटिया निर्माण की शिकायतें मिली हैं, जिनमें बारिश के दौरान सीलन की समस्या और पारसोली स्टेशन पर प्लेटफार्म धंसने जैसी घटनाएं शामिल हैं।
इससे पहले, गंगापुर में घटिया टाइल्स लगाने और हिंडौन में घटिया ईंटों का उपयोग करने का मामला सामने आ चुका है। आलोट स्टेशन पर तो टाइल्स के ऊपर ही नई टाइल्स लगा दी गई थीं, जो निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितता को दर्शाता है। वहीं, डकनिया स्टेशन पर थर्मल की राख भरने का मामला भी उजागर हुआ था, जिससे निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे।
हालांकि, इन तमाम अनियमितताओं के सामने आने के बावजूद, प्रशासन की ओर से केवल गंगापुर के मामले को छोड़कर किसी अन्य मामले में कोई ठोस कार्रवाई किए जाने की सूचना नहीं है। इससे अमृत भारत योजना के तहत हो रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता और निगरानी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। यात्रियों और स्थानीय लोगों ने रेलवे प्रशासन से घटिया निर्माण कार्यों पर सख्त कार्रवाई करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि जनता के पैसे का सही उपयोग हो सके और स्टेशनों पर सुरक्षित व टिकाऊ सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
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