कोटा। भरतपुर-मथुरा रेलखंड के मुंडेसी रामपुर में गुरुवार को एक हृदयविदारक सड़क हादसे में रेलवे के ट्रैक मेंटेनर की जान चली गई। मृतक की पहचान बहादुर सिंह (25) पुत्र होरीलाल धाकड़ के रूप में हुई है, जो मथुरा का निवासी था। मथुरा हाईवे थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में रखवा दिया है, जो शुक्रवार को किया जाएगा।
बहादुर के साथ काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि वह रोजाना मोटरसाइकिल से मथुरा से मुंडेसी रामपुर ड्यूटी पर आता-जाता था। गुरुवार को भी वह अपनी ड्यूटी पर पहुंचा था और शाम करीब 5 बजे ड्यूटी समाप्त होने के बाद बाइक से मथुरा के लिए रवाना हुआ था। दुर्भाग्यवश, शिवरामपुर से लगभग 4 किलोमीटर दूर एक अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बहादुर की मौके पर ही मौत हो गई और उसकी बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
बहादुर कोटा रेल मंडल की सबसे आखिरी यूनिट, यूनिट नंबर 87 में कार्यरत था। इस दुखद घटना से साथी कर्मचारियों में शोक की लहर दौड़ गई है।
रेलवे के रुख से कर्मचारियों में नाराजगी
इस बीच, एक ऐसी जानकारी सामने आई है जिसने साथी कर्मचारियों को और भी आक्रोशित कर दिया है। बताया जा रहा है कि रेलवे दुर्घटना के समय बहादुर को ड्यूटी पर नहीं मान रही है। कर्मचारियों का कहना है कि ड्यूटी पर आने-जाने का समय भी ड्यूटी का ही हिस्सा माना जाना चाहिए। ऐसे में, रेलवे को बहादुर को ड्यूटी पर मानते हुए उसके परिवार को सभी लाभ प्रदान करने चाहिए।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि रेलवे इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं करती है, तो वे आंदोलन की रणनीति पर विचार करने के लिए मजबूर होंगे। इस घटना ने रेलवे कर्मचारियों के बीच गहरा दुख और गुस्सा पैदा कर दिया है।
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