Rail News: कोटा रेल मंडल में वंदे भारत स्लीपर कोच रैक का ट्रायल जारी है। कोटा-लबान के बीच 26 बार दौड़ी वंदे भारत सोमवार को भी इस ट्रेन को 26 बार दौड़ाया गया। इस दौरान ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा रही। परीक्षण के दौरान विभिन्न परिस्थितियों में ट्रेन की क्षमता का आकलन किया जा रहा है, जिसमें रेल पटरियों को गीला करना भी शामिल है।
क्यों किया जा रहा है परीक्षण?
लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प मानक संगठन (आरडीएसओ) की देखरेख में यह परीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान कपलर फोर्स, एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम और घुमावदार ट्रैक पर गति सहित कई महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि ट्रेन सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान करे।
ट्रेन में सुविधाएं
इस 16 कोच की ट्रेन में 11 थर्ड एसी, 4 सेकेंड एसी और एक प्रथम श्रेणी एसी का कोच है। इनमें क्रमशः 67, 48 और 44 बर्थ की क्षमता है। यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ट्रेन में कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं।
महत्वपूर्ण परीक्षण
यह परीक्षण वंदे भारत स्लीपर कोच को यात्रियों के लिए उपलब्ध कराने से पहले एक महत्वपूर्ण कदम है। परीक्षण के सफल होने के बाद ही इस ट्रेन को नियमित सेवा में लगाया जाएगा।
निष्कर्ष:
कोटा में वंदे भारत स्लीपर कोच का ट्रायल सफलतापूर्वक जारी है। यह परीक्षण भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे यात्रियों को बेहतर यात्रा का अनुभव मिलेगा।
यह समाचार क्यों महत्वपूर्ण है?
यह समाचार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय रेलवे के विकास को दर्शाता है। वंदे भारत ट्रेनें आधुनिक और सुविधाजनक हैं और ये यात्रियों को एक आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि ये ट्रेनें सुरक्षित और विश्वसनीय हों।
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