कोटा रेल मंडल में टिकट चेकिंग स्टाफ पर अधिकारियों ने जुर्माना वसूली का भारी दबाव डाला है। प्रत्येक टीटीई को रोजाना करीब 21 हजार रुपए जुर्माना वसूलने का लक्ष्य दिया गया है, जिसे अब तक का सबसे अधिक बताया जा रहा है। इस दबाव के चलते टीटीई स्लीपर कोचों में सवार अनधिकृत यात्रियों को नहीं उतार रहे हैं, जिससे कोचों में भीड़ बढ़ गई है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
टीटीई का दर्द:
टीटीई का कहना है कि इससे पहले इतनी बड़ी राशि में जुर्माना वसूली का लक्ष्य कभी नहीं दिया गया। फरवरी महीने में बच्चों की परीक्षाओं के चलते यात्री कम सफर करते हैं, जिससे लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो रहा है। कुंभ जाने वाली ट्रेनों में भीड़ है, लेकिन वहां भी बिना टिकट यात्रियों से जुर्माना वसूली के लिए कोच में घुसना मुश्किल है। अन्य ट्रेनों में भीड़ सामान्य है।
यात्रियों की परेशानी:
लक्ष्य पूरा करने के लिए टीटीई स्लीपर कोचों में सवार अनधिकृत यात्रियों से उनके गंतव्य स्थान तक का जुर्माना वसूल रहे हैं, जिससे कोचों में भीड़ बढ़ गई है। दो महीने पहले आरक्षण कराने वाले यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोच में बढ़ती भीड़ के कारण यात्रियों को शौचालय जाने में भी दिक्कत हो रही है।
आगे की स्थिति:
अगर रेलवे का यही रवैया रहा तो गर्मी के सीजन में स्थिति और भी बिगड़ सकती है। गर्मी में बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं। अगर रेलवे मात्र अपनी कमाई बढ़ाने के लिए इसी तरह जुर्माना वसूल कर अनधिकृत यात्रियों को उनके गंतव्य तक जाने की इजाजत देती रही तो हालात पहले जैसे हो जाएंगे।
शिकायतें:
स्लीपर कोचों में सवार अधिकृत यात्रियों की शिकायतें अभी से मिलने लगी हैं। अमृतसर-मुंबई पश्चिम एक्सप्रेस तथा मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट आदि लंबी दूरी की ट्रेनों में लगभग रोज ही यात्रियों की शिकायतें आ रही हैं।
चुनाव में पड़ सकता है असर:
गत वर्ष लोकसभा चुनाव में लगे झटके के बाद रेलवे ने आम यात्रियों की सुध लेते हुए स्लीपर कोचों में सवार अनधिकृत यात्रियों को जुर्माना वसूल कर अगले स्टेशन पर उतारने के आदेश दिए थे। अगर अधिकारियों का रवैया आम यात्रियों के प्रति ऐसा ही रहा तो आने वाले चुनावों में सरकार को फिर से झटका लग सकता है।
टिकट चेकिंग में कमाई:
कोटा मंडल सहित पूरे पश्चिम-मध्य रेलवे ने पिछले 10 महीनों में बिना टिकट, बिना बुक किए निर्धारित से अधिक वजन ले जाने और अनुचित टिकट पर यात्रा करते कुल 14 लाख 94 हजार यात्रियों को पकड़ा है। रेलवे ने इनसे करीब 94 करोड़ 75 लाख रुपए जुर्माना वसूला है। कोटा मंडल में सबसे कम जुर्माना वसूला गया है।
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