कोटा। कोटा-नागपुर ट्रेन (01294) के दाढ़देवी में पटरी से उतरने की एक आपातकालीन सूचना ने बुधवार शाम करीब 6:50 बजे पूरे रेलवे प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। सूचना मिलते ही, कोटा डीआरएम कंट्रोल रूम में लगे हूटर तेजी से बजने लगे और अधिकारियों व कर्मचारियों ने बचाव कार्य की तैयारी शुरू कर दी। लगभग 15 मिनट में, मेडिकल और दुर्घटना राहत ट्रेनें मौके के लिए रवाना हो गईं।
दाढ़देवी पहुँचने पर पता चला कि यह एक मॉक ड्रिल (अभ्यास) था, जिसका उद्देश्य वास्तविक दुर्घटना की स्थिति में बचाव और राहत कार्यों की तैयारियों को परखना था। इस मॉक ड्रिल में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने भी भाग लिया।
इस दौरान, नकली यात्रियों को फँसाने के लिए ट्रेन के सात डिब्बों को पटरी से उतारा गया और एक-दूसरे के ऊपर चढ़ा दिया गया। फँसे हुए "यात्रियों" को डिब्बों को काटकर बाहर निकाला गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का अभ्यास किया गया।
इस मॉक ड्रिल की सूचना पर, कोटा जिला और पुलिस प्रशासन भी तुरंत अलर्ट हो गया। अस्पतालों में आपातकालीन वार्ड खाली करा दिए गए। अभ्यास के दौरान चार बसों में 300 यात्रियों को कोटा भेजने का भी पूर्वाभ्यास किया गया। इस मॉक ड्रिल को वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने पूरी तरह सफल बताया। सूचना मिलते ही डीआरएम अनिल कालरा भी अपने अधिकारियों के साथ मौके पर पहुँच गए थे।
इस मॉक ड्रिल की तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही थी, लेकिन दो बार इसे स्थगित करना पड़ा था। पहली बार राज्य सरकार की चतुर्थ श्रेणी परीक्षा के कारण, और दूसरी बार इटावा-खातोली में नदी में बच्चों के बह जाने की घटना के कारण एनडीआरएफ की व्यस्तता की वजह से।
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