भरतपुर: भुसावर उपखंड के भौड़ागांव में चारागाह भूमि पर हो रहे अवैध खनन के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों ने 17 दिसंबर से धरना प्रदर्शन शुरू किया था। 23 दिन बीत जाने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं होने पर बुधवार को सर्व समाज की एक पंचायत आयोजित की गई। इस पंचायत में निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
रैली निकालकर सौंपा ज्ञापन:
पंचायत के बाद ग्रामीणों ने रायपुर कांटे से एसडीएम कार्यालय तक एक विशाल रैली निकाली। इस रैली में वैर, रायपुर, भौडागांव, सीता, हाथोडी, नरहरपुर, जगजीवनपुर, नावर, गोठरा, नगला गोठरा, लखनपुर सहित दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग शामिल हुए। रैली के दौरान ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए अवैध खनन रोकने की मांग की।
एसडीएम कार्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने एसडीएम सचिन यादव को 14 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में मुख्य रूप से चारागाह भूमि पर हो रहे अवैध खनन को रोकने और खनन लीज निरस्त करने की मांग की गई है।
क्या हैं ग्रामीणों की मुख्य मांगे?
ग्रामीणों की चेतावनी:
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे 23 जनवरी को एक बड़ी महापंचायत आयोजित करेंगे।
प्रशासन की क्या है प्रतिक्रिया?
एसडीएम सचिन यादव ने ग्रामीणों के ज्ञापन को स्वीकार किया है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।
यह मुद्दा क्यों महत्वपूर्ण है?
अवैध खनन एक गंभीर समस्या है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है और स्थानीय लोगों के जीवन को प्रभावित करती है। भौड़ागांव में हो रहा अवैध खनन न केवल चारागाह भूमि को नष्ट कर रहा है बल्कि आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण भी फैला रहा है।
निष्कर्ष:
भौड़ागांव के ग्रामीणों का यह आंदोलन अवैध खनन के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यह उम्मीद की जाती है कि प्रशासन इस मामले में त्वरित कार्रवाई करेगा और ग्रामीणों की मांगों को पूरा करेगा।
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