रणथंभौर, (तारीख): रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान में बाघिन एरोहैड और उसके शावकों ने एक बार फिर से दुर्ग में डेरा डाल दिया है। करीब 1581 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस दुर्ग में बाघिन का आना लोगों के लिए हैरानी का विषय बना हुआ है।
क्यों चुना बाघिन ने दुर्ग?
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बाघिन एरोहैड अपने शावकों की सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क रहती है। दुर्ग में बने खंडहर तेज सर्दी से बचने का आसरा बन गए हैं और शिकार भी आसानी से मिल जाता है, यही कारण है कि बाघिन ने दुर्ग को अपना ठिकाना बनाया हुआ है।
क्या है पूरा मामला?
दुर्ग में बाघिन का आना क्यों है खास?
वन विभाग की क्या है तैयारी?
वन विभाग बाघिन और उसके शावकों की लगातार निगरानी कर रहा है। विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि बाघिन और उसके शावक सुरक्षित रहें और किसी भी तरह की कोई घटना न हो।
आगंतुकों के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
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