जयपुर: राजस्थान में नए आपराधिक कानून के तहत हत्या के मामले में जीरो एफआईआर दर्ज कराने का पहला मामला सामने आया है। इस मामले में जयपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को करीब 2000 किलोमीटर दूर कर्नाटक से गिरफ्तार किया है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला जयपुर के बगरू थाना इलाके का है। 3 नवंबर, 2024 को बिहार के एक युवक रंभु साह उर्फ झब्बू साह के साथ मारपीट की गई थी। गंभीर रूप से घायल झब्बू को उसके पैतृक गांव बिहार ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
मृतक के पिता ने बिहार के पिपराही थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई, जो बाद में जयपुर के बगरू थाने में पहुंची। शिकायत में आरोप लगाया गया कि गांव का रहने वाला रामजीत साहनी व अन्य उसके बेटे को जयपुर काम दिलवाने के बहाने लेकर आए थे। उन्होंने उससे मजदूरी करवाई और पैसे मांगने पर शराब पीकर उसके साथ मारपीट की।
पुलिस की कार्रवाई
जयपुर (पश्चिम) डीसीपी अमित कुमार ने बताया कि इस मामले में एक टीम का गठन किया गया। टीम ने आरोपी की तलाश में दिल्ली और फिर कर्नाटक तक पीछा किया। आखिरकार, आरोपी रामजीत साहनी को कर्नाटक के यशवंतपुरा से गिरफ्तार कर लिया गया।
जीरो एफआईआर का महत्व
नए आपराधिक कानून के तहत जीरो एफआईआर का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत पीड़ित किसी भी थाने में जाकर शिकायत दर्ज करवा सकता है, भले ही अपराध किसी दूसरे थाने के क्षेत्र में हुआ हो। यह प्रावधान पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करता है।
क्या है निष्कर्ष?
यह मामला दिखाता है कि नए कानून के तहत जीरो एफआईआर का प्रावधान कितना प्रभावी है। जयपुर पुलिस ने इस मामले में तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्याय दिलाया है। यह अन्य पुलिस थानों के लिए भी एक उदाहरण है।
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