आठ वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ था,लेकिन सरकार ने रेलवे को पैसा जमा नहीं कराने पर पेच अटका-गंगापुर सिटी

आठ वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ था,लेकिन सरकार ने रेलवे को पैसा जमा नहीं कराने पर पेच अटका-गंगापुर सिटी

गंगापुर -महूकला अंडरपास का सपना हुआ दफन,इस वजट में राशि की घोषणा तक नहीं

आठ वर्ष पूर्व स्वीकृत हुआ था,लेकिन सरकार ने रेलवे को पैसा जमा नहीं कराने पर पेच अटका-गंगापुर सिटी
शहर को महूकलां से जोड़ने के लिए प्रस्तावित रेलवे अण्डरपास के निर्माण का कार्य स्वीकृत हुए साढ़े आठ वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद राज्य सरकार ने अभी तक वित्तीय राशि रेलवे को जमा नहीं कराने। व राज्य सरकार का द्वारा पारित वजट पेश में राशि देने की घोषणा नहीं होने से अंडरपास का सपना अब दफन सा हो गया है। कांग्रेस सरकार में हुआ स्वीकृत सरकार व रेलवे की फाईलों में घूल चाट रहा है। अंडरपास स्वीकृत होने से लेकर अब तक कांग्रेस व भाजपा ने इस मुद्दे पर काफी राजनैतिक कर चुके है। लेकिन विकास के मामले में दोनों ने गंगापुर शहरी व ग्रामीणों की जनता से किया गया अंडरपास बनाने का वादा अब अधूरा रह गया है। जनता दोनों ही पाट्रियों को समय पर सबक सीखाएगी। महूकला के ग्रामीणों ने बताया कि अंडरपास के बिना लोगों को पटरियां पार करने को मजबूर होना पड़ रहा है, पटरियां पार करते समय अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, कई अन्य घायल हो चुके हैं। लेकिेन इसमें राजनैतिकों के अलावा रेलवे भी दोषी है। जबकिे रेलवे बोर्ड दिल्ली -मुंबई रेल मार्गा पर रेलवे फाटक बंद करके अंडरपास बनाने के निर्देश है। इसके बावजूद रेलवे के अधिकारियों इस और ध्यान नहीं दे रहे है। जिससे गंगापुर व महूकला के लोगों को महूकला जाने के लिए या तो उन्हें लाइन पार करके जाने को विवश होना पड़ रहा है।
आंदोलन करने के बाद भी कोई आस नहीं
महूकलां सहित आसपास के कई गांवों के ग्रामीण मंडल रेल प्रबंधक से लेकर रेलवे बोर्ड तक अण्डरपास बनाने के लिए कई धरना प्रदर्शन व आंदोलन कर चुके हैं लेकिन अंडरपास की समस्या जस की तस बनी हुई है। वही विधायक रामकेश मीना भी धरना प्रदर्शन में शामिल होने के बाद अंडरपास बनाने का भरोसा भी दिलाया गया। लेकिन इस साल के वजट में अंडरपास के लिए वित्तीय राशि स्वीकृत नहीं होने से गंगापुर सहित 40 गांवों के लोगों को निराशा हुई है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार से अंडरपास के लिए 9 करोड़ 10 लाख 44 हजार रुपए स्वीकृत हो गया लेकिन रूडीप ने रेलवे को अभी तक पैसा जमा नहीं कराया गया है। इसके चलते कार्य में विलंब हो रहा है। दो वर्ष पूर्व रेलवे अधिकारियों व नगर परिषद के अभियंताओं ने रेलवे अंडरपास बनाने के लिए नाप तोल कर संयुक्त रिपोर्ट मंडल रेल प्रबंधक को भेजी लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई अटकी रही।
कैसा होगा अंडरपास का आकार
 सूत्रों के अनुसार अंडरपास पांच मीटर चौड़ा व चार मीटर ऊंचा होगा। अंडरपास को माल गोदाम के पास बनाने के लिए सिग्नल विभाग, टीआरड़ी व इंजीनियरिंग विभाग की संयुक्त रिपोर्ट मंडल रेल प्रबंधक को भेजी जा चुकी है और रिपोर्ट मंजूर भी हो गई लेकिन पैसों के इंतजार में मामला अटका हुआ है।
कांग्रेस सरकार ने 2013 में किया था स्वीकृत
महूकलां अंडरपास के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सितंबर 2013 में 6.50 करोड़ की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति जारी की थी लेकिन यह राशि रेलवे को नहीं मिली। महंगाई के कारण अब इसकी लागत बढ़कर 9अटका हुआ है। शहरवासियों का कहना है कि महूकलां से शहर को दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग की पटरियां पार करनी पड़ रही है। ऐसे में आने जाने वाले लोगों को खतरा बना रहता है। रेलवे बी केबिन के पास कई बार करोड से अधिक हो गई। अब 9 करोड़ 10 लाख 44 हजार की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति हो चुकी है। लेकिन अभी तक रेलवे को यह पैसा नहीं मिलने की वजह से मामला अटका हुआ है।
दो दर्जन से अधिक गांवों को होती परेशानी
शहर को महूकलां से जोड़ने के लिए अंडरपास नहीं बनने से करीब दो दर्जन गांवों के लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के दिनों में बी केबिन के पास पुलिया में पानी भर जाने से उन्हें तीन किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। पुलिया छोटी होने से आए दिन वाहन आपस में टकरा जाते हंै जिससे लोगों के चोट लग जाती है।
सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित रेलवे अंडरपास के लिए कलेक्टर ने भी रेलवे के वरिष्ठ मण्डल इंजीनियर (उत्तर) को पत्र लिखकर बताया कि महूकलां व गंगापुर सिटी के बीच कोई समपार फाटक नहीं है ऐसे में अंडरपास का निर्माण जरूरी है इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।

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