नौसेना एक स्व-चालित और पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार सैन्य बल के रूप में हमेशा पर्यावरण संरक्षण और हरित शुरुआत करने के प्रति प्रतिबद्ध रही है। समुद्र का संरक्षक होने के नाते नौसेना के पास अनेक जहाज, पनडुब्बियां तथा विमान हैं जिनकी ऊर्जा की तीव्रता अधिक है। जीवाश्म ऊर्जा संसाधनों के घटने के साथ ही नौसेना द्वारा चलाए जा रहे प्रत्येक अभियान एवं प्रक्रिया में ऊर्जा दक्षता में वृद्धि सुनिश्चित करने की आवश्यकता उभरी है। इसी दिशा में नौसेना ने ‘हरित मानकों के साथ समुद्री अभियान‘ के उद्देश्य से तालमेल बिठाने के लिए एक व्यापक ‘भारतीय नौसेना पर्यावरण संरक्षण रोडमैप‘ (आईएनईसीआर) अपनाया है।
ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनेक नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन की दिशा में नौसेना के ठोस प्रयासों से अच्छे परिणाम सामने आए हैं जो सभी नौसैनिक प्रतिष्ठानों में परिलक्षित हैं। ‘क्लीन एंड ग्रीन नेवी’ की दिशा में कुछ उल्लेखनीय पहल, जिसमें सभी सोशल डिस्टेंसिंग/कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू हैं, को नीचे विस्तार से बताया गया है।
भारतीय नौसेना ने जुलाई 2020 में भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए), एझिमाला में 3 मेगा वॉट की क्षमता वाले सबसे बड़े सौर संयंत्र में से एक को शुरू किया। जुलाई 2020 में नौसेना स्टेशन करंजा, मुंबई में एक और 2 मेगा वॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया। इसके साथ ही नौसेना स्टेशनों पर कुल स्थापित सौर संयंत्र क्षमता 11 मेगावाट है। ये संयंत्र कंप्यूटरीकृत निगरानी और नियंत्रण के साथ अत्याधुनिक सिंगल एक्सिस सन ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए ग्रिड से कनेक्टेड हैं। एसपीवी की स्थापना भारत सरकार के ‘जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन (जेएनएनएसएम)‘ को पूरा करने के नौसेना के उद्देश्य के अनुरूप है ।
पिछले वर्ष के दौरान निरंतर वनीकरण की दिशा में 30,000 पौधे लगाए गए हैं ताकि प्रतिवर्ष अनुमानित 630 टन कार्बन डाई ऑक्साइड को कम किया जा सके। इसके अलावा, विश्व पर्यावरण दिवस 2021-पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के विषय की धारणा के अनुरूप मियावाकी वनों, सदाबहार वनों की बहाली समेत तटीय वनों जैसे शहरी वनों की स्थापना की व्यवहार्यता पर जोर दिया जा रहा है।
दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि द्वारा ‘विश्व नदी दिवस’ के अवसर पर वेंडुरुथी चैनल के साथ केरल वन विभाग के सहयोग से एक मैंग्रूव पौधरोपण अभियान चलाया गया था, जिसमें लगभग 200 पौधे लगाए गए थे। आईएनएस वेंडुरुथी के साथ दक्षिणी नौसेना कमान मुख्यालय हमेशा पर्यावरण संरक्षण एवं ऊर्जा संरक्षण में लगा हुआ है जिसने इस स्टेशन को सरकारी (रक्षा) क्षेत्र में वर्ष 2020 के लिए प्रतिष्ठित ‘गोल्डन पीकॉक पर्यावरण प्रबंधन पुरस्कार (जीपीईएमए)’ से सम्मानित किया।
‘स्वच्छता सेवा‘ अभियान के तहत नौसेना स्टेशनों ने सफाई अभियान चलाया, तूफान/वर्षा जल नालों को साफ करना, हेजेज की छंटाई और बगीचों का रखरखाव किया। इसके अलावा ‘अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस‘ समारोह के हिस्से के रूप में विभिन्न नौसेना इकाइयों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए तटीय क्लीन-अप ड्राइव चलाया।
लोगों तथा सामग्री के परिवहन के लिए बैटरी संचालित ई-वाहनों के प्रगतिशील इस्तेमाल से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता में कमी आई है जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी हुई है। इसके अलावा जीवाश्म ईंधन आधारित वाहनों पर निर्भरता को कम करने के लिए, नौसेना की इकाइयां नियमित रूप से ‘नो व्हीकल डेज’ का पालन करते हैं।
नौसेना बंदरगाहों पर तेल रिसाव का मुकाबला करने की दिशा में पर्यावरण के अनुकूल समुद्री जैव-उपचारात्मक एजेंटों को एनएमआरएल के माध्यम से स्वदेश में विकसित किया गया है। यह अत्याधुनिक तकनीक समुद्री क्षेत्र में अनूठी है। उत्पाद में सूक्ष्म जीवों और उनके विकास को बढ़ावा देने वाली सामग्री का संयोजन होता है, जो विभिन्न प्रकार के तेल जैसे डीजल, चिकनाई, गंदे तेल आदि को खाते हैं, इस प्रकार समुद्री जल को किसी भी तेल से होने वाले प्रदूषण और इसके परिणामस्वरूप समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को होने वाले नुकसान को कम करते हैं। इस तकनीक को जून 2020 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है ।
समग्र कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और वैश्विक तापमान में वृद्धि के प्रभावों को कम करने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना हमारी अगली पीढ़ियों के लिए एक ‘हरित एवं स्वच्छ’ भविष्य सुनिश्चित करने के राष्ट्रीय उद्देश्य को साकार करते हुए हरित पहलों के अनुसरण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ‘पूरी तरह तैयार एवं प्रतिबद्ध’ है।
No comments yet. Be the first to comment!
Please Login to comment.
© G News Portal. All Rights Reserved.