सावन माह में कावड़ यात्रा निकालने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को मनाने में जुटी।

सावन माह में कावड़ यात्रा निकालने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को मनाने में जुटी।

सावन माह में कावड़ यात्रा निकालने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को मनाने में जुटी।
हरिद्वार से गंगाजल भरने पर उत्तराखंड सरकार ने पहले ही रोक लगा दी है। अब यूपी के कावड़ संघ भी यात्रा न निकालने का निर्णय ले सकते हैं।
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ऐसा प्रतीत होता है कि सावन में कांवड़ यात्रा निकालने के मुद्दे पर अब सुप्रीम कोर्ट और केन्द्र सरकार योगी आदित्यनाथ की सरकार को मनाने में जुट गए हैं। 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कोरोना महामारी को देखते हुए कावड़ यात्रा नहीं निकलने चाहिए। लेकिन वहीं यूपी सरकार का स्पष्ट रुख सामने नहीं आया। असल में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कह दिया कि कावड़ यात्रा पर रोक लगाने की मंशा नहीं है। योगी ने यह बात तब कही जब उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में कावड़ यात्रा निकालने पर रोक लगा दी थी। सरकार की ओर से स्पष्ट कहा गया कि हरिद्वार में भी गंगा नदी से जल भरने अनुमति नहीं होगी। हालांकि यूपी और उत्तराखंड में भाजपा की सरकार हैं, लेकिन कावड़ यात्रा पर दोनों सरकारों की राय अलग अलग सामने आई। 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि यात्रा केन्द्र सरकार देशभर में कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने का आदेश जारी करे या फिर कोर्ट अपनी ओर से कोई आदेश जारी करेगी। हालांकि 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया, लेकिन अब इस मामले में 19 जुलाई को सुनवाई होगी। इस बीच केन्द्र सरकार के रुख से प्रतीत होता है कि अब योगी आदित्यनाथ को मनाने की कोशिश की जाएगी। इसी दौरान खबरें आई है कि यूपी सरकार ने कावड़ संघ से संवाद किया है। माना जा रहा है कि अब उत्तर प्रदेश के कावड़ संघ ही अपनी ओर से यात्रा न निकालने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखेंगे, इसको लेकर जिला स्तर पर जिला अधिकारियों और विभिन्न कावड़ संघों के पदाधिकारियों से वार्ता हो रही है। सब जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ एक धार्मिक मठ के प्रमुख भी हैं और उनके सदैव प्रयास होता है कि भारत की सनातन संस्कृति के अनुरूप धार्मिक आयोजन हो, लेकिन मौजूदा समय में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है, ऐसे में यदि लाखों कावड़ यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवहन करते हैं तो कोरोना फैलने का डर है। इस आशंका को ध्यान में रखते हुए ही अब यूपी सरकार के निर्णय में बदलाव होने के संकेत हैं। वैसे भी जब केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कावड़ यात्रा पर रोक लगाने की मंशा जाहिर कर दी है तब यूपी में कावड़ यात्रा निकलना मुश्किल है।

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