Alwar : राजगढ़ में पूरा बाजार ही बुलडोजर से उजाड़ दिया। बरसों पुराने तीन मंदिर भी मिट्टी के ढेर में तब्दील।

राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में पूरा बाजार ही बुलडोजर से उजाड़ दिया। बरसों पुराने तीन मंदिर भी मिट्टी के ढेर में तब्दील।
क्या कांग्रेस सरकार के इस कृत्य पर सुप्रीम कोर्ट कोई संज्ञान लेगा?
क्या कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन राजगढ़ आकर पीड़ितों की मदद करेंगे।
राजगढ़ में चले बुलडोजर पर आखिर क्यों चुप है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत?
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राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे में बुलडोजर से करीब 15 दुकानों को तोड़ दिया है तथा सराय बाजार स्थित तीन मंदिरों को भी मिट्टी के ढेर में तब्दील कर दिया है। राजगढ़ नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी बनवारी लाल मीणा, उपखंड अधिकारी केशव कुमार मीणा और कांग्रेस के विधायक जौहरी लाल मीणा का कहना है कि बुलडोजर नियमानुसार चलाया है। प्रशासन को नए मास्टर प्लान के मुताबिक राजगढ़ का निर्माण करना है, इसलिए यह सब कार्यवाही की जा रही है। प्रशासन के इस कथन में कितनी सत्यता है इसका पता तो जांच के बाद भी चलेगा, लेकिन राजगढ़ के निवासियों का कहना है कि नए मास्टर प्लान के नाम पर ज्यादती की जा रही है। पचास वर्ष पुरानी दुकानों को तोड़ा गया है। जिन व्यक्तियों की दुकानें टूटी हैं, उनके सामने अब भूखों मरने की स्थिति आ जाएगी।
चूंकि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक की सहमति है, इसलिए पीड़ितों की सुनने वाला कोई नहीं है। टूटे मंदिरों की मूर्तियां इधर-उधर बिखरी पड़ी हैं। बुलडोजर और सरकारी कार्मिकों ने लोगों की धार्मिक भावनाओं का भी ख्याल नहीं रखा है। अलवर के राजगढ़ का मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विगत 20 अप्रैल को जब दिल्ली के जहांगीरपुरी क्षेत्र में एमसीडी के कार्मिक सरकारी सड़क पर हुए अस्थाई अतिक्रमण को हटा रहे थे, तब सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप कर एमसीडी की कार्यवाही पर रोक लगा दी। जहांगीरपुरी में तो सरकारी सड़क के अस्थाई अतिक्रमण हटाए जा रहे थे, जबकि राजस्थान के राजगढ़ में तो पचास वर्ष पुरानी दुकानें और 200 वर्ष पुराने शिव, हनुमान के मंदिर तोड़े गए हैं।
सवाल उठता है कि क्या राजगढ़ की इस कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेगा? जब अस्थाई अतिक्रमण हटाने पर रोक लगाई जा सकती है तो फिर राजगढ़ में पक्के निर्माणों को तोड़ने पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती? जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अजय माकन भी मौके पर पहुंचे थे। माकन ने एमसीडी की कार्यवाही को गैर संवैधानिक बताया। माकन का कहना रहा कि अतिक्रमण हटाने से पहले संबंधित व्यक्तियों को नोटिस दिया जाना चाहिए था। लेकिन एमसीडी ने अतिक्रमण कारियों को नोटिस दिए बिना ही बुलडोजर चला दिया। सब जानते हैं कि अजय माकन राजस्थान के प्रभारी महासचिव हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या माकन अलवर के राजगढ़ में आकर पीड़ितों से मुलाकात करेंगे? जिन गरीब लोगों की दुकानें टूटी हैं, उनके हालात बहुत खराब है। एक ही बाजार में तीन-तीन मंदिरों को तोड़ने से भी लोगों में आक्रोश है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और प्रभारी महासचिव होने के नाते अजय माकन की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री चुप:
जहांगीरपुरी में जब अस्थाई अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलाया गया, तब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बुलडोजर चलाने के तरीके की निंदा की, लेकिन अलवर के राजगढ़ में बुलडोजर चलने पर सीएम गहलोत अभी तक चुप हैं। राजगढ़ में जो तोडफ़ोड़ की कार्यवाही हुई है, उसके विरोध में ब्रजभूमि कल्याण परिषद के संयोजक डॉ. पवन गुप्ता, नरेश धानावत, अश्विनी, संजय पंडित, यशवंत गुप्ता आदि ने राजगढ़ पुलिस स्टेशन पर एक रिपोर्ट भी दर्ज करवाई है।
इस रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि क्षेत्रीय विधायक जौहरीलाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के सीईओ बनवारीलाल मीणा की साजिश की वजह से मंदिरों और बरसों पुरानी दुकानों को तोड़ा गया है। एफआईआर में आरोपियों व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है। इसके साथ ही मंदिरों के पुनर्निर्माण और प्रतिमाओं की पुन:स्थापना का आग्रह भी किया गया है।